लद्दाख मसले पर केंद्र सरकार को घेर रहे राहुल गांधी पर गृह मंत्री अमित शाह ने पलटवार किया है। अमित शाह ने कहा कि वह चर्चा से नहीं डरते। राहुल गांधी कभी भी संसद में भारत-चीन पर बात कर सकते हैं। लेकिन जब जवान चीन का सामना कर रहे हैं, उस वक्त ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जिससे पाकिस्तान और चीन को खुशी हो। इस इंटरव्यू में अमित शाह से लद्दाख के ताजा हालात पर सवाल भी किया गया था। इसका शाह ने जवाब नहीं दिया कहा कि अभी इसपर बात करने का सही वक्त नहीं है।
अमित शाह से राहुल गांधी के सरेंडर मोदी वाले बयान पर सवाल पूछा गया था। इसपर शाह बोले कि, ‘संसद होनी है। चर्चा करनी है आइए, करेंगे। कोई नहीं डरता चर्चा से। 1962 से अबतक की स्थिति पर दो-दो हाथ हो जाए। मगर जब देश के जवान संघर्ष कर रहे हैं, सरकार स्टैंड लेकर ठोस कदम उठा रही है उस वक्त ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जिससे पाकिस्तान या चीन को खुशी हो।’
राहुल पर लगाया ओछी राजनीति का आरोप
अमित शाह ने आगे कहा कि सरकार भारत विरोधी प्रोपगेंडा से लड़ने में सक्षम है लेकिन यह देखकर दुख होता है कि इतनी बड़ी पार्टी का पूर्व अध्यक्ष ऐसी ‘ओछी’ राजनीति करता है। सरेंडर मोदी वाले ट्वीट का आगे जिक्र करते हुए शाह बोले कि कांग्रेस और राहुल को खुद इस बारे में सोचना चाहिए। उनकी इस बात को पाकिस्तान औ चीन में लोग हैशटैग बनाकर इस्तेमाल कर रहे थे। कांग्रेस को इसके बारे में सोचना चाहिए कि उनकी पार्टी के नेता का हैशटैग चीन-पाकिस्तान को बढ़ावा देता है। वह भी ऐसे संकट के वक्त में।
दरअसल, LAC विवाद पर राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि नरेंद्र मोदी वास्तव में ‘सरेंडर मोदी’ हैं। इससे पहले और बाद में भी राहुल गांधी लद्दाख मामले पर सरकार से लगातार सवाल कर रहे हैं। आज मन की बात कार्यक्रम से पहले भी राहुल गांधी ने कहा था कि राष्ट्र सुरक्षा पर बात कब होगी। हालांकि, मन की बात में ही पीएम मोदी ने चीन को कड़ा संदेश दिया। मोदी ने कहा कि भारत दोस्ती और ‘दुश्मनी’ दोनों निभाना जानता है। मोदी बोले, ‘लद्दाख में भारत की भूमि पर, आंख उठाकर देखने वालों को, करारा जवाब मिला है। भारत, मित्रता निभाना जानता है, तो, आंख-में-आंख डालकर देखना और सही जवाब देना भी जानता है।’