लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वाले पत्रकार की जमकर पिटाई

भिलाई. लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वाले शहर के एक वरिष्ठ पत्रकार के साथ जमकर मारपीट का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में पीडि़त पत्रकार द्वारा थाने में शिकायत नहीं किए जाने के कारण मामला लोगों के संज्ञान में नहीं आया। हालांकि मीडिया जगत में इसकी जमकर चर्चा जरूर है। कथित आरोपियों ने पत्रकार को जमकर कूटा है। घटना के बाद पत्रकार के चेहरे का नक्शा बिगडऩे के कारण चार दिनों तक ऑफिस नहीं जा पाया था।


जानकारी के अनुसार घटना देश का सबसे तेज बढ़ता अखबार का तमगा लगाने वाला समाचार पत्र के पत्रकार के साथ घटित हुई है। बताया जाता है कि इसके पूर्व भी उक्त पत्रकार के साथ लड़कीबाजी को लेकर कई बार मारपीट की घटना हो चुकी है। यह भी बताया जाता है कि पीडि़त पत्रकार की वैवाहिक लाइफ ज्यादा दिन तक नहीं चली। इसका कारण अंतरजातीय विवाह को बताया है। सबसे पहले उनका लव मैरिज एक कॉलेज छात्रा के साथ हुआ था। परिवार के विरोध के बाद भी परिजन से बगावत कर छात्रा ने पत्रकार के साथ विवाह किया था। उस दौरान यह मामला थाने तक पहुंचा था। राजनीति दबाव बड़े अखबार की प्रतिष्ठा को देखते हुए किसी तरह समझौता कराकर मामले का शांत करा दिया था, किंतु पत्रकार की लड़कीबाजी के कारण अंतरजातीय विवाह कुछ दिनों बाद संबंध विच्छेद हो गया। बताया जाता है कि इसके बाद पत्रकार का चक्कर एक अ्रन्य लड़की के साथ चला। उसके साथ भी कुछ दिनों तक बीएसपी टाउनशिप के क्वार्टर में लिव-इन-रिलेशनशिप में रहे। इसके बाद अन्य महिलाओं के साथ संबंध के कारण दूसरी लड़की ने साथ छोड़ दिया था। वहीं देररात तक शराब के नशे में लड़कियों के साथ घर पहुंचने और स्ट्रीट के लोगों की शिकायत के कारण बीएसपी टाउनशिप का आवास छोडऩा पड़ा था।


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भिलाई पटरीपार में रहने लगा
लोगों की शिकायत और शराबखोरी और लड़कीबाजी से बदनामी के कारण उसने बीएसपी टाउनशिप का आवास छोड़कर पटरी पार में नया ठिकाना बना लिया। बताया जाता है कि वहां भी वो किसी तीसरे लड़की के साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने लगे। इसकी जानकारी दूसरी लड़की को होने के बाद मारपीट की घटना घटित होना बताया जा रहा है। बताया जाता कि घटना दिनांक को वे आधी रात को शराब के नशे में घर जा रहा था, तभी तीन-चार लोगों ने उस पर हमला कर दिया। कथित आरोपियों ने उनकी जमकर पिटाई और कार में तोडफ़ोड़ कर दी थी। मारपीट की खबर किसी तरह पुलिस को मिली। इसके पहले पुलिस ने एक इलेक्ट्रानिक मीडिया के रिपोर्टर से रात में ही पत्रकार के बारे में फोन से जानकारी ली। पत्रकार का नाम बताने और बड़े अखबार का रिपोर्टर होने की पुष्टि के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शिकायत दर्ज कराने कहा। तब-तक आरोपी मौके से फरार हो चुके थे। पत्रकार ने पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई। बताया जाता है कि पिटाई के बाद पत्रकार वहीं पर कई घंटों तक बेसुध पड़ा रहा। अल सुबह वह अपने घर पहुंचा। मारपीट से चेहरे का नक्शा बिगड़ गया था इसलिए वह लगभग तीन दिनों तक ऑफिस नहीं गया था। मारपीट के निशान मिटने और चेहरा सामान्य होने पर ही वह ऑफिस गया।

इसलिए नहीं लिखाई रिपोर्ट
बताया जाता है कि थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद उनका नाम और समाचार पत्र का खुलासा हो जाता इसलिए उन्होंने शिकायत दर्ज नहीं कराई। बताया जाता है इसके पूर्व भी हुई मारपीट की घटना और कार में तोडफ़ोड़ की शिकायत बदनामी के डर से नहीं की गई थी। वहीं मामला समाचार पत्र के राजधानी कार्यालय के साथ साथ उच्च प्रबंधन तक जाता इसलिए शिकायकत करना उन्होंने उचित नहीं समझा गया।

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