भारतीय महिला टीम के पास मौका था इतिहास रचने का। टीम करीबी अंतर से ऐसा करने से चूक गई। लेकिन इस मैच के बाद भारत में महिला क्रिकेट को देखने का नजरिया हमेशा के लिए बदल गया। या कहें इस मैच ने भारत में महिला क्रिकेट को देखना शुरू करवाया तो अतिश्योक्ति न होगी। जीत-हार से इतर टीम के खेल को तवज्जो मिलने लगी। लॉर्ड्स के मैदान पर भारत को फाइनल में 9 रन से हार मिली लेकिन फिर भी भारतीय टीम बाजीगर बनीं।
भारत आज ही के दिन तीन साल पहले महिला वर्ल्ड कप, 50 ओवर के फाइनल में पहुंचा था। जीत करीब थी। 44 रन, 38 गेंद और सात विकेट हाथ में। लेकिन मुट्ठी कसकर बंद करने के प्रयास में जीत फिसल गई। लेकिन पहचान जरूर मिली। आज ही के दिन 2017 में भारतीय टीम महिला वर्ल्ड की उपविजेता रही थी और इंग्लैंड बना था चैंपियन। इंग्लैंड ने बनाए थे सात विकेट पर 228 रन लेकिन 8 गेंद बाकी रहते 219 पर ऑल आउट हो गई।
रोमांचक फाइनल में इंग्लैंड ने भारत को 9 रन से मात देकर खिताब पर कब्जा किया। 2005 के बाद भारत दूसरी बार फाइनल में पहुंचा था लेकिन इस बार भी आखिरी पड़ाव नहीं लांघ पाया। भारतीय टीम इस मैच में इंग्लैंड पर हावी थी, लेकिन पूनम राउत (86) के आउट होने के बाद भारत के विकेट जल्दी-जल्दी गिर गए और भारत की टीम 219 पर ऑल आउट हो गई। इस तरह इंग्लैंड ने चौथी बार वर्ल्ड कप खिताब पर अपना कब्जा जमाया। इंग्लैंड की तेज गेंदबाज आन्या शर्बसोल ने इस मैच का रुख पूरी तरह से मोड़ दिया। उन्होंने इस मैच में 6 विकेट हासिल किए। भारत ने अपने अंतिम 7 विकेट 28 रन के अंतराल पर गंवा दिए।
इससे पहले 229 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। भारत का स्कोर 5 रन ही था कि स्मृति मंधाना (0) खाता खोले बगैर पविलियन लौटीं। इसके बाद पूनम राउत ने कैप्टन मिताली राज के साथ पारी को संभाला। लेकिन जब भारत का स्कोर 43 रन था, उस वक्त रन चुराने के प्रयास में कैप्टन मिताली राज (17) रन आउट हो गईं। इसके बाद स्टार बल्लेबाज ने पूनम के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया। दोनों बल्लेबाजों ने अपना अनुभव झोंकते हुए तीसरे विकेट के लिए मिलकर 95 रन जोड़े।
चौथे विकेट के रूप में हरमन (51) जब आउट हुईं, तो भारत की जीत लगभग तय लग रही थी। पूनम ने एक छोर को बेहतर ढंग से संभाल कर रखा हुआ था और वेदा के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ा रही थीं। इस बीच शर्बसोल की एक गेंद पूनम के पैड से जा लगी। अंपायर ने इस पर LBW आउट दे दिया।
पूनम के आउट होने के बाद वेदा कृष्णमूर्ति पर भारत को जीत तक ले जाने की जिम्मेदारी थी, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाईं। भारत का लोअर ऑर्डर दबाव नहीं झेल पाया। पूनम के आउट होने के बाद भारतीय टीम के विकेट लगातार अंतराल के बाद गिरने लगे। 191 पर चौथा विकेट गंवाने वाली भारतीय टीम ने 201 तक पहुंचते- पहुंचते 7 विकेट गंवा दिए। इसके बाद 218 के स्कोर पर शिखा पांडे भी रन आउट हो गईं और भारत जीत से दूर रह गया।
इससे पहले टॉस जीतकर पहले ब्ल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड ने 50 ओवर में 7 विकेट गंवाकर 228 रन बनाए। इंग्लैंड को लॉरेन विनफील्ड (24) और टैमी बेयुमोंट (23) ने सधी हुई शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 47 रन जोड़े। मजबूत दिख रही इंग्लैंड अचानक से बिखर गई और उसने 63 के कुल स्कोर तक अपने 3 अहम विकेट खो दिए। भारत को पहली सफलता राजेश्वरी गायकवाड़ ने दिलाई। उन्होंने विन्फील्ड को पांव के पीछे से गेंद को घूमाते हुए बोल्ड मारा।
भारत की तरफ से झूलन ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। पूनम यादव दो विकेट लेने में सफल रहीं। अलावा राजेश्वरी गायकवाड़ के हिस्से एक सफलता आई।