पीएम नरेंद्र मोदी ने (KAPP) के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। पीएम ने कहा कि ऊर्जा संयंत्र-3 में अहम मुकाम हासिल करना काफी अहम है। घरेलू डिजाइन पर आधारित 700 मेगावाट का यह रिएक्टर मेक इन इंडिया का चमकता उदाहरण है। यह भविष्य में इस तरह की उपलब्धियों की शुरुआत है।
काकरोपोर एटोमिक पावर स्टेशन (KAPS) गुजरात के शहर सूरत से 80 किलोमीटर दूर ताप्ती नदी के किनारे स्थित है। इस प्लांट में आज प्लांट को शामिल किया गया है। पूर्णत: भारत में निर्मित 700 मेगवाट वाले इस प्लांट का विकास और ऑपरेशन न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCIL) ने किया है। इस प्लांट में 220 मेगावाट के दो और स्टेशन KAPS-1 और KAPS-2 भी हैं। पहले प्लांट की शुरुआत 1993 और दूसरे की शुरुआत 1995 में हुई थी।
KAPP-3 की शुरुआत के बाद अब KAPP-4 के भी जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। KAPP-3 मार्क-4 टाइप कैटिगरी का उपकरण है। जो प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर्स (PHWR) डिजाइन का बेहतरीन नमूना है। यह रिएक्टर बेहतरीन सेफ्टी फीचर्स से लैस है। यह रिएक्टर स्टीम जनेरेटर से लैस है, जिसका वजन करीब 215 टन है। अप्रैल 2019 में वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूक्लियर ऑपरेशंस (WANO) ने KAPP-3 का प्री स्टार्टअप रिव्यू शुरू किया था।