चीन के साथ भारी तनाव के बीच अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज ने सोमवार को भारतीय नौसेना के साथ मिलकर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के पास शक्ति प्रदर्शन किया। 90 फाइटर जेट के साथ हिंद महासागर के दौरे पर निकला अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर मलक्का स्ट्रेट के रास्ते हिंद महासागर में प्रवेश किया है जहां से चीन का सबसे ज्यादा व्यापार होता है।
यही नहीं भारत ने भी जगुआर बमवर्षक विमानों को अंडमान-निकोबार में तैनात करके चीन को बड़ा संदेश दिया है। दरअसल, लद्दाख में भारतीय जमीन पर कब्जा करने की फिराक में लगा चीन पूरे हिंद महासागर पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। अरब सागर हो या बंगाल की खाड़ी, चीनी नौसेना के जंगी जहाजों की गश्त लगातार तेजी से बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञ आगाह कर रहे हैं कि चीन साउथ चाइना सी पर कब्जा करने के बाद हिंद महासागर पर अपनी कुटिल नजरें गड़ा सकता है।
समुद्री लुटेरों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर धूल झोक रहा चीन
चीन की नौसेना समुद्री लुटेरों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से अफ्रीका के लाल सागर में स्थित जिबूती नेवल बेस तक गश्त लगा रही है। पीएलए के युद्धपोत मलक्का स्ट्रेट के जरिए हिंद महासागर में प्रवेश करते हैं और अंतरराष्ट्रीय जलसीमा में संचालन करते हैं। कुछ समय पहले ही एक चीनी जहाज को जासूसी करते हुए भी अंडमान के पास पकड़ा गया था।
पीएलए नेवी ने म्यामांर, श्रीलंका, पाकिस्तान, मालदीव, ईरान और जिबूती में कई बंदरगाहों पर कब्जा जमा लिया है। इसका मकसद न केवल भारतीय नौसेना को घेरना है, बल्कि अमेरिका के सेंट्रल कमांड, फ्रांस और ब्रिटेन की नौसेना को चुनौती देना है। चीन ने म्यामांर के क्याउक्प्यू पोर्ट में 70 फीसदी हिस्सेदारी ली है जो बंगाल की खाड़ी में आता है। वहीं उसने श्रीलंका के हंबनटोटा डीप सी पोर्ट पर कब्जा कर लिया है जो हिंद महासागर में आता है। इसके अलावा चीन ग्लवादर में नेवल बेस, मालदीव में द्वीप का विकास, ईरान में जस्क पोर्ट पर अपना कब्जा जमा लिया है।
चीन की पकड़ मजबूत, भारत भी कर रहा है तैयारी
इससे चीन की अरब सागर में पकड़ मजबूत हो गई है। चीन ने इन बंदरगाहों पर पैसे और ताकत के बल पर कब्जा किया है। पीएलए की नेवी अब पूरी तेजी के साथ ब्लू वॉटर नेवी बनने की ओर अग्रसर है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अब कुछ ही दिनों की बात है जब दुनिया में समुद्र के जरिए वैश्विक व्यापार चीन की दया पर निर्भर करेगा। चीन की इसी नापाक हरकत को देखते हुए भारत ने अपने कब्जे वाले 1062 द्वीपों में से कुछ पर अडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड बनाने का काम तेज कर दिया।
भारत न केवल अंडमान निकोबार में बल्कि लक्षद्वीप में भी अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत कर रहा है। इन जगहों पर भारतीय हवाई अड्डे का नेटवर्क बना रहा है। इसी कड़ी में भारत ने फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका के साथ नेवल डील की है। भारत अब हिंद महासागर में स्थित ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और अमेरिका के नेवल बेस का इस्तेमाल कर सकेगा। इससे भारतीय नौसेना की पकड़ में और इजाफा होगा। इसके अलावा भारत अपनी सबमरीन नष्ट करने की क्षमता को भी बढ़ा रहा है।