आज 8वीं बार का अस्थाई सदस्य चुना जाएगा। माना जा रहा है कि एशिया से भारत का निर्विरोध चुना जाना तय है। हालांकि, 8 साल बाद भारत के मेंबर बनने पर पड़ोसी पाकिस्तान ने चिंता जताई है। पाकिस्तानी विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत का सदस्य बनना हमारे लिए फिक्र की बात है। हालांकि उसके मेंबर बनने से कोई आसमान नहीं फट जाएगा।
कुरैशी ने अलापा कश्मीर राग
कुरैशी ने कश्मीर राग अलापते हुए आरोप लगाया कि भारत कश्मीरियों पर हमेशा जुल्म करता आया है। कश्मीर मे भारतीय फौज का दमन जारी है। भारत ने कभी भी कश्मीरियों को उनका हक नहीं दिया। इतना ही नहीं, कुरैशी ने कहा कि भारत ने कभी भी सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को स्वीकार नहीं किया है।
बुधवार को सुरक्षा परिषद का मेंबर बनेगा भारत
भारत को बुधवार को सुरक्षा परिषद के चुनावों में आसान जीत मिलने की उम्मीद है, जिससे वह 2021-22 कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च संस्था का अस्थाई सदस्य बन जाएगा। 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा अपने 75वें सत्र के लिए अध्यक्ष, सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्यों और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सदस्यों के लिए चुनाव कराएगी। कोविड-19 से संबंधित पाबंदियों के कारण संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मतदान के विशेष इंतजाम किए गए हैं।
इसलिए भारत की जीत तय
भारत 2021-22 कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत श्रेणी से अस्थाई सीट के लिए उम्मीदवार है। भारत की जीत इसलिए तय मानी जा रही है, क्योंकि वह समूह की इस इकलौती सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार है। चीन और पाकिस्तान समेत 55 सदस्यीय एशिया-प्रशांत समूह ने पिछले साल जून में सर्वसम्मति से भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया था।
हर साल 5 अस्थाई सीटों के लिए होता है चुनाव
महासभा हर साल दो वर्ष के कार्यकाल के लिए कुल 10 में से पांच अस्थाई सदस्यों का चुनाव करती है।ये 10 अस्थाई सीटें क्षेत्रीय आधार पर वितरित की जाती हैं। पांच सीटें अफ्रीका और एशियाई देशों के लिए, एक पूर्वी यूरोपीय देशों, दो लातिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों तथा दो पश्चिमी यूरोपीय तथा अन्य राज्यों के लिए वितरित की जाती हैं। परिषद में चुने जाने के लिए उम्मीदवार देशों को सदस्य देशों के दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।
भारत ने कहा- ‘वसुधैव कुटुंबकम’
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि इस परिषद में भारत की मौजूदगी से ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के उसके लोकाचार को दुनिया तक लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबिंत करने और विश्वसनीय बने रहने के लिए बदलने की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र इस साल अपनी 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।
क्या है
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 प्रमुख हिस्सों में से एक है। इसका मुख्य कार्य दुनियाभर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ में नए सदस्यों को जोड़ना और इसके चार्टर में बदलाव से जुड़ा काम भी सुरक्षा परिषद के काम का हिस्सा है। यह परिषद दुनियाभर के देशो में शांति मिशन भी भेजता है और अगर दुनिया के किसी हिस्से में मिलिट्री ऐक्शन की जरूरत होती है तो सुरक्षा परिषद रेजोल्यूशन के जरिए उसे लागू भी करता है।
कई युद्धों में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
संयुक्त राष्ट्र संघ की तरह इसका स्थापना भी द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुई। सुरक्षा परिषद की पहली बैठक 17 जनवरी 1946 को हुई थी। कोल्ड वार के कारण काफी समय तक सुरक्षा परिषद कमजोर रहा था। लेकिन कांगो वार और कोरियाई युद्ध के समय इसने अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा कई देशों में जरूरत के मुताबिक शांति मिशन भी भेजे गए थे। सुरक्षा परिषद में 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। अस्थायी सदस्यों का चुनाव हर दो वर्ष के बाद होता है।