पोम्पियो ने भारतीयों की मौत पर जताया दुख

वॉशिंगटन
अमेरिकी विदेश मंत्री ने गलवान घाटी में चीनी हमले में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत पर गहरा दुख जताया है। उन्‍होंने कहा कि दुख की इस घड़ी हम शहीद सैनिकों के परिवार वालों के साथ खड़े हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री का बयान ऐसे समय पर जब उन्‍होंने चीन के शीर्ष वार्ताकार यांग जियाची के साथ कई घंटे तक बैठक की है। यह वही यांग जियाची हैं जो चीन की ओर से भारत के साथ सीमा विवाद पर मुख्‍य वार्ताकार हैं।

माइक पोम्पियो ने कहा, ‘चीन के साथ संघर्ष में सैनिकों के मारे जाने पर हम भारत के लोगों के प्रति गहरा दुख व्‍यक्‍त करते हैं। दुख की इस घड़ी में हम सैनिकों के परिवारों, उनके करीबियों और समुदायों को याद रखेंगे।’ अमेरिकी विदेश मंत्री और चीनी वार्ताकार के बीच भारत का मुद्दा उठा या नहीं, यह अभी स्‍पष्‍ट नहीं है। हालांकि चीनी दूत से मुलाकात के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री का यह बयान काफी महत्‍वपूर्ण माना जा रहा है।

भारत-चीन सैन्य हिंसा पर अमेरिका की नजर
इससे अमेरिका ने पूरे विवाद के ‘शांतिपूर्ण समाधान’ की उम्मीद जताई थी। अमेरिका के गृह विभाग ने हिंसा में शहीद हुई भारत के जवानों के परिवारों से संवेदना प्रकट की थी। ताजा हालात पर अमेरिका ने कहा था कि भारत और चीन दोनों ने पीछे हटने की इच्छा जाहिर की थी और हम मौजूदा हालात के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। गृह विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन की सेनाओं के हालात को मॉनिटर कर रहे हैं। हमें पता चला है कि भारतीय सेना ने अपने 20 जवान शहीद होने का ऐलान किया है, हम उनके परिवारों को सांत्वना देते हैं।’

पोम्पियो की बैठक के कारण चीन ने दिया मौतों का आंकड़ा
चीनी सेना के सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो के साथ शीर्ष चीनी राजनयिक यांग जिची की इसी बैठक की वजह से चीन ने अपने सैनिकों की मौत का आंकड़ा नहीं दिया। सूत्रों ने कहा कि चीन को डर सता रहा था कि इस बैठक में भारत के साथ संघर्ष का मुद्दा उठ सकता है। सूत्र ने कहा, ‘चीन निश्चित रूप से पोंपियो -यांग की बैठक से पहले तनाव को कम करना चाहता था लेकिन अगर कोई देश इसका (सीमा विवाद का) फायदा उठाना चाहता है तो हमारे सैनिक इसका समुचित जवाब देंगे।

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