(Galwan Valley) में चीनी सैनिकों (India China border violence) से लड़ते हुए 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। जवानों की शहादत से पूरा देश गुस्से में है। अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि भारतीय जवानों के शरीर में गहरे घाव थे। उनमें से कुछ की मौत हाइपोथर्मिया (शरीर का तापमान बेहद कम हो जाना) और दम घुटने से हुई। बता दें कि लेह के एसएनएम अस्पताल में जवानों के शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया था।
अधिकारियों का कहना है कि शहीदों के शरीर के अंगों पर काफी गहरे चोट के निशान थे जो बताते हैं कि उनके साथ बर्बरता की गई। बता दें कि चीनी सेाओं ने नुकीली रॉड से भारतीय सैनिकों पर हमला किया था।
कर्नल संतोष बाबू के सिर पर लगी थी चोट
एक वरिष्ठ अधिकारी ने हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को बताया,’करीब 17 जवानों के शरीर पर चोट के गहरे निशान हैं। अधिकारी अस्पताल में मौजूद हैं और सेना बेस को जवानों के शवों की तस्वीरें क्लिक न करने का आदेश दिया गया था।’ शुरुआती रिपोर्ट में सामने आया है कि कर्नल संतोष बाबू समेत तीन जवानों के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं थे लेकिन उनके सिर पर किसी हथियार से हमला किया गया था।
पढ़ें:
जवानों के चेहरे क्षत-विक्षत किए गए
एक दूसरे अधिकारी ने बताया, ‘संभवत: तीन की मौत डूबने से हुई है। हालांकि बाकी जवानों के शरीर पर नुकीले हथियार के चोट के निशान थे। तीन जवानों के चेहरे को क्षत-विक्षत कर दिया गया था, वे पहचान में भी नहीं आ रहे हैं और चीन अन्य की गर्दन पर रेतने के निशान थे।’
नदी में गिर गए थे कुछ जवान
अधिकारी ने बताया, ‘ऐसा लग रहा है जैसे नाखून चुभोए गए हों। चीनी सैनिकों के पास चाकू भी थी। कुछ जवान नदी में गिर गए जो काफी ऊंचाई पर है। 14,000 फीट की ऊंचाई पर गलवान घाटी की जमा देने वाली ठंड और दुर्गम क्षेत्र में मदद न मिलने के चलते भी सैनिकों की जान गई।’ एक अधिकारी ने बताया, ’12 घायल जवानों की मौत हाइपोथर्मिया और दम घुटने से हुई।’