गलवान में कितने चीनी सैनिक मरे, चीन का जवाब

पेइचिंग
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून को हुए हिंसक झड़प को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस की। कोरम पूर्ति के नाम पर बुलाई गई इस प्रेस कांफ्रेंस में चीनी प्रवक्ता ने वही घिसे पिटे अपने आरोपों की पोटली को फिर से मीडिया के सामने खोला। जब उनसे सवाल पूछे गए तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए वास्तविक मुद्दों से दूरी बनाई रखी।

भारत के 20 बहादुर जवान शहीद
बता दें कि सोमवार रात को हुई हिंसक झड़प के दौरान भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि चीनी पक्ष को भी व्यापक जनहानि उठानी पड़ी थी। भारतीय सेना ने बयान जारी कर यह बता दिया कि इस संघर्ष के दौरान भारतीय सेना ने अपने 20 बहादुर जवान खोए हैं जबकि चीन ने इस बात का खुलासा नहीं किया। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस में जब पूछा गया कि भारतीय मीडिया में चीनी सैनिकों के हताहत होने की बात कही जा रही है क्या आप इसकी पुष्टि करते हैं?

चीन ने सैनिकों की मौत पर दिया यह जवाब
इसके जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है जिसे यहां जारी करूं। दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर खास मुद्दों को हल करने की कोशिश कर रही हैं। जब से यह हुआ है तब से दोनों पक्ष बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।

सीमा पर फिर होगी हिंसक झड़प? मिला जवाब
जब उनसे पूछा गया कि क्या अब यह उम्मीद की जा सकती है कि सीमा पर ऐसी हिंसक झड़प नहीं होगी? तो इसके जवाब में झाओ लिजियान ने कहा कि हम और टकराव नहीं चाहते हैं। दोनों देश विकासशील हैं और मतभेदों से ज्यादा दोनों के बराबर हित जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि भारतीय पक्ष हमलोग के साथ काम करेगा।

सैनिकों की मौत को लेकर चीन ‘बेहद संवेदनशील’
पीएलए के एक सोर्स ने बताया कि पेइचिंग अपने सैनिकों की मौत को लेकर ‘बेहद संवेदनशील’ है। उन्‍होंने कहा कि सैनिकों की मौत के आंकड़े को चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफ‍िंग अपनी स्‍वीकृत करेंगे। बता दें कि शी चिनफ‍िंग ही सेना के प्रमुख हैं और माना जाता है कि पीएलए के हर कदम के पीछे उन्‍हीं का हाथ होता है। सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो के साथ शीर्ष चीनी राजनयिक यांग जिची की बुधवार को बैठक होनी थी। यह वही यांग हैं जो भारत के साथ सीमा व‍िवाद पर कई दौर की बातचीत कर चुके हैं।

सीमा विवाद पर चीन को सता रहा था बड़ा डर
सूत्रों ने कहा कि चीन को डर सता रहा था कि इस बैठक में भारत के साथ संघर्ष का मुद्दा उठ सकता है। सूत्र ने कहा, ‘चीन निश्चित रूप से पोंपियो -यांग की बैठक से पहले तनाव को कम करना चाहता था लेकिन अगर कोई देश इसका (सीमा विवाद का) फायदा उठाना चाहता है तो हमारे सैनिक इसका समुचित जवाब देंगे। उधर, चीन के एक सैन्‍य विशेषज्ञ झोउ चेनमिंग ने कहा कि चीन का हाल के दिनों में पहाड़ों के ऊपर युद्धाभ्‍यास भारत को चेतावनी थी।

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