लद्दाख में सोमवार को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों में तनाव बना हुआ है। वहीं, चीन की सरकारी मीडिया तनाव को और भड़काने के काम में जुटी हुई है। उसने आरोप लगाया कि अमेरिका भारत और चीन के बीच विवाद को बढ़ाने का काम कर रहा है। चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि झड़प के तुरंत बाद अमेरिका ने बिना सोचे समझे भारत का समर्थन किया। चीनी मीडिया ने आरोप लगाया कि अमेरिका भारत को झूठा दिलासा दिलाना चाहता है कि भारत के साथ अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देशों का समर्थन है।
अमेरिका ने जताया था भारत के प्रति समर्थन
बता दें कि भारत चीन झड़प के बाद अमेरिकी अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने मंगलवार रात कहा कि उनके देश की संवेदना शहीद हुए भारत के 20 जवानों के परिजनों के साथ है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका मौजूदा स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है।
अमेरिका पर ध्यान भटकाने का आरोप
ग्लोबल टाइम्स ने आरोप लगाया कि अमेरिका भारत और चीन के बीच ऐसा ही तनाव देखना चाहता है। वह खुद आंतरिक और बाहरी दोनों तरह की परेशानियों से जूझ रहा है। अमेरिका कोरोना वायरस महामारी और नस्लवाद को लेकर पैदा हुए तनाव से अपने लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसी हरकतें कर रहा है।
‘भारत को उकसा रहा अमेरिका’
इतना ही नहीं, ग्लोबल टाइम्स ने अमेरिका पर भारत को उकसाने का भी आरोप लगाया। लिखा कि मई में भारत चीन सीमा पर तनाव के दौरान अमेरिका ने सीधे तौर पर इसे चीन का उकसावा करार दिया। मेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और वरिष्ठ डेमोक्रेटिक कांग्रेस नेता एलियट एंगेल ने भारत के प्रति आक्रामक व्यवहार के लिए चीन को फटकार लगाई थी।
‘पश्चिमी देश भारत के साथ नहीं’
चीनी अखबार ने दावा किया कि अमेरिका भारत को झूठा दिलासा दिलाना चाहता है कि उसके सहित अन्य पश्चिमी देश चीन के खिलाफ भारत के साथ हैं। इतना ही नहीं, ग्लोबल टाइम्स ने आरोप लगाया कि चीन के साथ संघर्ष को भड़काने के लिए भारत में कुछ ताकतें तर्कहीन होकर विवाद को भड़का रही हैं। चीनी अखबार ने आरोप लगाया कि अमेरिका की रणनीतिक बिसात में भारत का महत्व इस बात से घटता-बढ़ता रहता है कि अमेरिका चीन को किस तरह से खतरा मानता है।
भारत को समर्थन अमेरिका का दिखावा
ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत को पश्चिमी लोकतंत्रों का समर्थन तब मिलता है जब नई दिल्ली और बीजिंग के बीच विवाद होता है। इसके अलावा अमेरिका हमेशा भारत पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाता है। अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की वार्षिक रिपोर्ट ने अप्रैल में भारत को विशेष चिंता वाला देश बताया था। इतना ही नहीं, ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को 2005 में धार्मिक स्वतंत्रता के आधार पर अमेरिका में वीजा से वंचित कर दिया गया था जब वह भारतीय राज्य गुजरात के मुख्यमंत्री थे।