चीनी साजिश, अरुणाचल सीमा पर बना रहा रोड

पेइचिंग
पूर्वी लद्दाख में भारत को सड़कें बनाने से रोक रहा चीन अब अरुणाचल प्रदेश की सीमा सटकर तेजी से सड़कें बनाने में जुट गया है। इसके लिए चीन सभी तरह के इलाकों में काम करने में सक्षम एक्स्कवेटर का इस्‍तेमाल कर रहा है। इन मशीनों को स्‍पाइडर एक्स्कवेटर कहा जाता है। चीनी सैनिक यह सड़क ब्रह्मपुत्र नदी जहां भारत में प्रवेश करती है, उसके पास बना रहे हैं।

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना पीएलए के तिब्‍बत मिलिट्री डिस्ट्रिक की ओर से जारी एक वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि चीनी सैनिक ब्रह्मपुत्र नदी के पास बहुत तेजी से सड़क बना रहे हैं। इस दौरान स्‍पाइडर एक्‍स्‍कवेटर का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। इसके जरिए पहाड़ी इलाकों में आसानी से सड़क का निर्माण किया जा सकता है। चीनी सेना बड़े पैमाने पर इन एक्‍स्‍कवेटर का इस्‍तेमाल करती है। चीन में ब्रह्मपुत्र नदी को यारलुंग नदी कहा जाता है।

आधारभूत ढांचे को बहुत तेजी से उन्‍नत कर रहा चीन
बता दें कि चीनी सेना ने भारत से लगती एलएसी पर आधारभूत ढांचे को बहुत तेजी से उन्‍नत कर रहा है। भारत भी इसके जवाब में सड़कें और आधारभूत सुविधाओं को बढ़ा रहा है। इसकी वजह से दोनों ही देशों के बीच अक्‍सर विवाद होता रहता है। चीन ने आरोप लगाया था कि भारत पूर्वी लद्दाख में सड़कें बना रहा है, इसकी वजह से उन्‍हें हस्‍तक्षेप करना पड़ा है। लद्दाख से पहले डोकलाम में भी इस तरह का विवाद हो चुका है।

उधर, लद्दाख की घटना के बाद भारतीय सेना ने ऐहतियाती कदम उठाते हुए पूरे एलएसी सहित यहां भी तैनाती बढ़ाई है। अरुणाचल प्रदेश में एलएसी का यह हिस्सा पहले से ही संवेदनशील माना जाता है। गलवान में 15 जून की खूनी झड़प से पहले एलएसी में 1975 में भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। तब चीनी सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में भारतीय पैट्रोलिंग पार्टी पर घात लगाकर हमला किया था।

चीन इस इलाके पर करता है अपना दावा
आंशका भी जताई जा रही है कि चीन अरुणाचल प्रदेश में कोई हरकत कर सकता है, क्योंकि यह इलाका पहले से संवेदनशील रहा है और यहां पहले भी चीन के सैनिकों से कई बार झड़पें हो चुकी हैं। चीन इस इलाके पर अपना दावा करता है। तनाव बढ़ने के बाद एलएसी में हर जगह भारतीय सेना अलर्ट है। तैनाती बढ़ाई गई है और संवेदनशील इलाकों में पैट्रोलिंग भी बढ़ाई गई है।

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