सुप्रीम कोर्ट ने टेलिकॉम कंपनियों से कहा है कि वह 10 साल का वित्तीय लेखाजोखा पेश करें और केंद्र सरकार एजीआर भुगतान को लेकर प्राइवेट कंपनियों के प्रस्ताव पर विचार कर जवाब पेश करे। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते के लिए टाल दी है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम ने पीएसयू कंपनियों से किए गए पौने चार लाख करोड़ के डिमांड को वापस ले लिया है। बहस के दौरान वोडाफोन के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोर्ट सबसे बड़ा प्लेयर है, इसपर शीर्ष अदालत ने कहा कि नहीं, वह केवल रेफरी है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि डीओटी की ओर से हलफनामा दायर कर डिमांड का कारण बताया गया है। साथ ही कहा कि पीएसयू से डिमांड वापस ले लिया गया है। वहीं प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियों वोडाफोन, भारती एयरटेल आदि कंपनियों के एजीआर बकाया पर दिए गए जवाब पर हलफनामा दायर करने के लिए केंद्र सरकार ने समय की मांग की।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को ये भी बताया कि करीब पौने चार लाख करोड़ की एजीआर की डिमांड को पीएसयू से की गई थी उस मांग को वापस ले लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को पीएसयू कंपनियों से एजीआर की मांग पर केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि आदेश का गलत इस्तेमाल हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि जो प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियां हैं उनके प्रस्ताव पर विचार कर जवाब देने के लिए वक्त चाहिेेए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह प्राइवेट कंपनियों के प्रस्ताव पर विचार कर जवाब दें। मामले की सुनवाई के दौरान एयरटेल ने कहा कि 21 हजार करोड़ में से 18 हजार करोड़ चुकाए हैं। वहीं वोडाफोन-आइडिया का कहना था कि सरकार को उन्होंने 15 हजार करोड़ बैंक गारंटी दे रखी है उसे सिक्युरिटी के तौर पर माना जाए।
अदालत में महत्वपूर्ण दलीलें
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। टेलिकॉम कंपनियों की ओर से मुकुल रोहतगी, कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी आदि पेश हुए।
सॉलिसिटर जनरल: हमने पीएसयू से जो डिमांड किया था उसका 96 फीसदी डिमांड वापस ले लिया है। 4 लाख करोड़ का बिल था उशका 96 फीसदी डिमांड वापस ले लिया है। प्राइवेट कंपनियों ने जो प्रस्ताव दिया है उस पर विचार कर जवाब के लिए वक्त दिया जाए।
वोडाफोन के वकील मुकुल रोहतगी: हम इस स्टेज पर बैंक गारंटी के लिए तैयार नहीं है। हम इस स्थिति में नहीं हैं कि और बैंक गारंटी दें।
सुप्रीम कोर्ट: मिस्टर रोहतगी आपका प्रस्ताव क्या है।
रोहतगी: हमने 7 हजार करोड़ पेमेंट कर दिया है। स्पेक्ट्रम लाइलेंस के लिए सरकार के पास 150 बिलियन रुपये बैंक गारंटी के तौर पर है। कई तिमाही से लाभ नहीं हुआ है और हानि ही हानि हुई है। बकाये का भुगतान किश्तों में हो यही समाधान है।
सुप्रीम कोर्ट: कंपनी का असेट कितना है। पिछले 10 साल का वित्तीय स्टेटमेंट पेश किया जाए। ताकि वित्तीय स्थिति का पता चले।
जस्टिस अरुण मिश्रा: वोडाफोन के वकील से….आप अकेले प्लेयर नहीं हैं।
मुकुल रोहतगी: सबसे बड़ा प्लेयर कोर्ट है।
जस्टिस मिश्रा: नहीं। हम रेफरी हैं।