उन्होंने इस वीडियो को शेयर करते हुए लोगों को यह बताने की कोशिश की है कि कोई इंसान बाहर के चैलेंजेज से नहीं टूटता बल्कि वह अपनी अंदर की कमजोरियों से हार जाता है।
अनुपम खेर ने अपने इस नए वीडियो में वह कहते नजर आ रहे हैं, ‘दोस्तो, रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो तो एक अच्छा जूता पहनकर उसपर चला जा सकता है, लेकिन यदि एक अच्छे के अंदर एक भई कंकड़ हो तो एक अच्छी सड़क पर भी कुछ कदम चलना मुश्किल हो जाता है। मतलब बाहर की चुनौतियों से नहीं, अपने अंदर की कमजोरियों से हारते हैं।’
इससे पहले उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर इंडस्ट्री में मचे बवाल पर एक वीडियो शेयर करते हुए उन तमाम लोगों तक एक मेसेज पहुंचाने की कोशिश की थी जो मुंबई में कुछ करने का सपना लिए आते हैं। उन्होंने कहा था, ‘आज मैं उन हजारों लाखों लोगों से मुखातिब होना चाहता हूं जो हिन्दुस्तान के छोटो-छोटे शहरों से मुंबई नगरी में आते हैं अपने सपनों को पूरा करने के लिए। हो सकता है कि इन खबरों को देखकर, सुनकर आपके या आपके माता-पिता के मन में एक शंका या घबराहट पैदा हो रही हो कि कहीं मैं गलत जगह तो नहीं आ गया। क्या ऐसा ही होता है इस नगरी में? क्या मैं एक आउटसाइडर ही बनकर रह जाऊंगा? इस लॉकडाउन के अकेलेपन ने आपको थोड़ा और झकझोरा होगा, मायूसी थोड़ी और उतर गई होगी। माता-पिता के फोन आ रहे होंगे कि बेटा वापस आ जा अपने छोटो से शहर में, हमारी तरह एक आदमी की तरह जीने के लिए। उस बड़े शहर में शायद तेरा कोई स्थान नहीं है।’
उन्होंने मुंबई को दुनिया का सबसे दयालु शहर बताया था, जिसने लाखों -करोड़ों लोगों के सपने पूरे किए हैं। उन्होंने अंत में कहा है, ‘फिल्म इंडस्ट्री के लोगों के लिए शंका मत रखना, यहीं के लोग आपको आपका हाथ थामकर सफलता के शिखर तक ले जाएंगे। मेरी वो फेवरेट कविता की पंक्तियां हमेशा याद रखना- लहरों के डर से नौका पार नहीं होती, हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती। जय हो।’