प्रधानमंत्री मोदी के लेह दौरे से बौखलाया चीन

पेइचिंग
लद्दाख में वास्‍तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहे भारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लेह दौरे से चीन बौखला गया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा है कि किसी भी पक्ष को ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे इस मौके पर माहौल और ज्‍यादा खराब हो जाए। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता झाओ ल‍िजिन ने कहा कि माहौल को हल्‍का करने के लिए भारत और चीन संपर्क में हैं।

चीन के विदेश मंत्रालय का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक से लेह की यात्रा पर पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री आज अल सुबह करीब 11 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित नीमू बेस पर पहुंचे। उन्‍होंने सेना और आईटीबीपी के जवानों के साथ मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया। इस दौरान पीएम मोदी के साथ सीडीएस बिपिन रावत और सेना प्रमुख भी मौजूद थे। तनाव के बीच प्रधानमंत्री ने अपने इस दौरे से चीन को यह बता दिया कि वह खुद वास्‍तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

पीएम मोदी ने अपने इस दौरे के साथ ही चीन को सख्‍त संदेश दिया कि वह चीनी इस नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्‍पष्‍ट संदेश दे दिया है कि चीन की इंच-इंच बढ़ने की कुटिल चाल साउथ चाइना सी में चल सकती है लेकिन भारत के साथ उसकी दाल नहीं गलने वाली है। भारत चीन को पीछे धकलने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

‘किसी भी आक्रामक कार्रवाई का करारा जवाब’
उन्‍होंने चीन को यह भी बता दिया कि ड्रैगन जहां अपने सैनिकों की संख्या तक छिपा रहा है, वहीं संकट की इस घड़ी में सेना के साथ न केवल वह बल्कि पूरा देश खड़ा है। पीएम मोदी ने जवानों को यह भी संदेश दिया कि चीन के साथ जारी टकराव लंबा खिंच सकता है और उन्‍हें लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा। प्रधानमंत्री ने चीन को यह भी जता दिया है कि वह ड्रैगन के साथ बातचीत को तैयार हैं लेकिन किसी भी आक्रामक कार्रवाई का करारा जवाब दिया जाएगा।

‘मोदी ने लद्दाख के मोर्चे पर जाकर बहुत अच्‍छा किया’
रक्षा मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी का कहना है कि लद्दाख जाकर प्रधानमंत्री ने बेहतरीन काम किया। उन्‍होंने कहा, ‘पीएम मोदी ने लद्दाख के मोर्चे पर जाकर बहुत अच्‍छा किया। इस यात्रा के जरिए भारत ने चीन को यह संदेश दिया है कि वह चीन को पीछे खदेड़ने के लिए दृढ़ संकल्‍प है।’ बता दें कि पांच मई को दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध के बाद यह किसी बड़े नेता का पहला लद्दाख दौरा है। हाल ही में सेना प्रमुख जनरल नरवणे लद्दाख के दौरे से लौटे हैं।

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