भिलाई (सीजीआजतक न्यूज). नगर पालिक निगम के खुर्सीपार जोन अंतर्गत पावर हाउस बस स्टैंड के सामने प्रगति कॅाम्प्लेक्स के किराएदार को निगम प्रशासन द्वारा बलपूर्वक खाली कराने के मामले में दुर्ग संभाग आयुक्त ने कलेक्टर को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई करने कहा है। संभाग आयुक्त ने कलेक्टर को मामले की जांच कर नियम विरुद्ध कार्रवाई करने वाले अधिकारियों के खिलाफ जुर्म दर्ज करने एवं दुकान को खाली कराने में शासकीय मशीनरी के व्यय की भरपाई जिम्मेदार अधिकारियों के वेतन से करने के निर्देश दिए है। महापौर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उनके ईशारे पर नियम विरुद्ध कार्रवाई करने एवं किराएदार द्वारा मामले को कोर्ट में ले जाने के बाद निगम अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति है।
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दुकानदार को बिना नोटिस दिए किराएदार को खाली करा दिया था
बता दें कि निगम प्रशासन द्वारा साडा कार्यकाल में निर्मित एवं लीज की अवधि खत्म होने के बाद लाखों की रुपए की लागत से प्रगति मार्केट का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इस दौरान वहां 17 वर्षों से किराएदार पंजाब ऑटो मोबाइल्स को दुकानदार मालिक को बिना नोटिस दिए व व्यवस्थापन किए तहसीलदार एवं निगम अमले ने बलपूर्वक दिसंबर माह में खाली करा दिया था। निगम प्रशासन ने बिना किसी कानूनी प्रावधान एवं तहसीलदार को अंधेरे में रख किराएदार को कब्जाधारी बताकर बलपूर्वक कार्रवाई कर दी थी। किराएदार द्वारा कोर्ट की शरण में जाने एवं खुर्सीपार थाने में लिखित शिकायत करने के बाद निगम का तोडफ़ोड़ अमला बैकपुट पर आ गया है।
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कल्याण सेवा जनजागृति संगठन ने की शिकायत
बिना नोटिस और सूचना दिए कार्रवाई किए जाने के खिलाफ कल्याण सेवा जनजागृति संगठन के अध्यक्ष व समाजसेवी सुमन शील ने दुर्ग संभाग आयुक्त से शिकायत की थी। संभाग आयुक्त ने उनकी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर को पत्र लिख पूरे मामले की जांच कर क्या कार्रवाई की इस संबंध में उन्हें एवं शिकायतकर्ता को अवगत कराने (जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने) के निर्देश दिए है।
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महापौर के कार्यकाल समाप्त होने और संभाग आयुक्त के पत्र मिलने का संयोग
बता दें कि 21 जनवरी को ही महापौर देवेंद्र यादव का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। वे जिस समय प्रगति कॉम्प्लेक्स का निरीक्षण कर रहे थे, उसी समय संभाग आयुक्त का पत्र शिकायतकर्ता को मिला। इसे संयोग कहा जाए या कुछ और कि महापौर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद शिकायतकर्ता को संभाग आयुक्त का पत्र मिला। शिकायतकर्ता को संभाग आयुक्त का पत्र प्राप्त होने के बाद नियम विरुद्ध दुकान खाली कराने वाले निगम अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की उम्मीद जगी है। यदि ऐसा हो जाता है तो किसी भी जनप्रतिनिधि के दबाव में नियम विरुद्ध काम न कर निगम अधिकारी नियमानुसार कार्रवाई के लिए बाध्य होंगे और इस घटना से सबक भी लेंगे।