देखिए एसपी साहबः नेवई थाने में नाबालिग से छेड़छाड़ की शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई, पुलिस ने फरियादियों पर ही मामला दर्ज कर दिया, आरोपी घूम रहा खुलेआम

भिलाई(सीजी आजतक न्यूज)। दुर्ग जिले में पुलिस कप्तान डॉ अभिषेक पल्लव क्राइम में कमी लाने पुलिसिंग सिस्टम में लगातार सुधार कर रहे हैं। वहीं उनके मातहत अधिकारी पुलिस प्रशासन की छवि पर बट्टा लगाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।

ताजा मामला नेवई थाना का है जहां नाबालिग बच्ची से छेड़छाड़ की रिपोर्ट दर्ज कराने उनके परिजन पहुंचे थे। महिला थानेदार ने इस संवेदनशील मामले में सिर्फ आवेदन लेकर परिजनों को चलता कर दिया। इससे छेड़छाड़ के आरोपी का हौसला बढ़ गया। आरोपी युवक ने नाबालिग से दोबारा छेड़छाड़ कर दी। फिर क्या था परिजन और मोहल्ले के लोगों ने उन्हें सबक सीखाने उसकी पिटाई कर दी। अब यहां दांव पलट गया। पहले से नाबालिग से छेड़छाड़ को लेकर दिए आवेदन पर कोई कार्रवाई न कर पुलिस ने नाबालिग के परिजनों (फरियादियों) को ही आरोपी बना दिया। छेड़छाड़ का आरोपी मोहल्ले में खुले आम घूम रहा है।

इसे भी पढ़ेंः अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाईः रिसाली नगर निगम की कार्रवाई भेदभावपूर्ण, चेहरे देखकर कब्जा हटा रहा तोड़ूदस्ता
जानकारी के अनुसार घटना नेवई थाना क्षेत्र के रिसाली बस्ती की है जहां कक्षा आठवीं में पढ़ने वाली एक नाबालिग से आरोपी राकेश यादव छेड़छाड़ करता था। नाबालिग ने इसकी शिकायत परिजनों से की। परिजनों ने 23 मार्च को नेवई थाने में लिखित आवेदन देकर घटना की जानकारी दी और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने परिजन के आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं। दूसरे दिन मार खाने के बाद आरोपी थाने पहुंच गया। आरोपी की शिकायत पर पुलिस ने नाबालिग के तीन परिजनों पर ही धारा 294, 323, 506 और 34 के तहत मामला दर्ज कर दिया। जबकि पुलिस ने परिजनों द्वारा पहले से दिए आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की। अब चालान पेश करने के नाम पर थाने का एक एसआई पैसे भी मांग रहा है।

मामले को लेकर जब परिजन एसपी ऑफिस पहुंचे और उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी, तब एसपी ने नेवई थाने में फोन लगाकर जानकारी ली। परिजनों की मानें तो थाने की पुलिस ने एसपी को भी गुमराह कर दिया कि मामले में काउंटर केस दर्ज कर लिया गया है। यहां सवाल यह उठता है कि छेड़छाड़ जैसे संवेदनशील मामले में थाने की पुलिस ने तत्काल कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। यदि पहले ही आरोपी को थाने में बुलाकर समझाइश भी दे दी जाती तो दोबारा न तो घटना होती न ही परिजन मारपीट के आरोपी बनते।

इसे भी पढ़ेंः छत्तीसगढ़िया सरकार का कमालः सीएम के गृह जिले में झारखंड के व्यक्ति को जिला उपभोक्ता विवाद आयोग का बनाया अध्यक्ष, देखें आदेश की कॉपी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *