मैच फिक्सिंग: BCCI के रडार पर 3-4 साल से है यह शख्स

नई दिल्लीभारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की ऐंटी करप्शन यूनिट (एसीयू) के प्रमुख अजित सिंह ने सोमवार को कहा कि हाल में पता चले अंतरराष्ट्रीय टेनिस मैच फिक्सिंग सिंडिकेट के कथित सरगना पिछले चार वर्षों से की निगरानी सूची में है। सिडनी मार्निंग हेराल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में विक्टोरिया पुलिस ने टेनिस मैच स्कैंडल में दंदिवाल को मुख्य सरगना बताया है।

टेनिस मैच फिक्सिंग में 2018 में कम से कम मिस्र और ब्राजील में खेली गई दो प्रतियोगिताओं में कम रैकिंग के खिलाड़ियों को कथित तौर पर मैच हारने के लिए मनाया गया था। अजित सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘उस पर भ्रष्ट होने का संदेह है या फिर वह हमारी जानकारी में भ्रष्ट व्यक्ति है। मैं उसके (केवल) क्रिकेट संपर्कों के बारे में बात कर सकता हूं, लेकिन वह अन्य खेलों में भी घुस गया है।’

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उन्होंने कहा, ‘उसने (दंदिवाल) अपनी खुद की लीग शुरू करने की कोशिश की और एक बार वह ऐसा कर लेता तो फिर वह जैसा चाहता उस तरह से मैच फिक्स कर लेता। उसने नेपाल में एशियाई प्रीमियर लीग का आयोजन किया और वह अफगान लीग से भी जुड़ा था।’

अजित ने बताया कि उसने हरियाणा में लीग के आयोजन का प्रयास किया जिसे बीसीसीआई ने विफल कर दिया। इसलिए वह भारत के बजाय भारत के बाहर अधिक सक्रिय हो गया लेकिन वह पिछले कम से कम तीन-चार वर्षों से बीसीसीआई की निगरानी सूची में है।

दंदिवाल मोहाली का रहने वाला है और एसीयू की शैक्षिक नियमावली में भी उसका जिक्र है। अजित सिंह ने कहा, ‘बीसीसीआई ने भी उसके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वह अलग तरह का अपराध था। वह एक क्रिकेट टीम को लेकर ऑस्ट्रेलिया गया और वहां 5-6 खिलाड़ी लापता हो गए। यह आव्रजन से जुड़ा मामला था।’

उन्होंने कहा, ‘इसलिए ऑस्ट्रेलिया के मेजबान क्लब ने संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया और हमें जानकारी दी। हम मोहाली में पुलिस के पास गए और उन्हें बताया कि उसने क्या किया और रिपोर्ट दर्ज कराई। वह हमारी शिक्षा नियमावली का भी हिस्सा है। हम भागीदारों को उसके बारे में बताते हैं ओर उसकी तस्वीर दिखाकर उसके काम करने के तरीके के बारे में समझाते हैं।’

एसीयू प्रमुख ने फिर से दोहराया कि भारत में मैच फिक्सिंग कानून की सख्त जरूरत है क्योंकि अभी संबंधित एजेंसियों के हाथ बंधे हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘मैच फिक्सिंग के लिए कानून की जरूरत है। इससे संबंधित एजेंसियों को मजबूती मिलेगी और एक बार वे प्रभावशाली कार्रवाई करना शुरू कर देंगे, इससे बोर्ड को मदद मिलेगी।’

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