नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों से उन्हें अवगत कराया।सूत्रों के मुताबिक चौहान जल्द ही अपना मंत्रिमंडल विस्तार करने वाले हैं। भाजपा सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल में 20 से 25 लोगों को शामिल किया जा सकता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मार्च माह में कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए नौ पूर्व विधायकों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।चौहान इस सिलसिले में केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा के लिए रविवार को दिल्ली पहुंचे थे। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, संगठन महामंत्री बीएल संतोष और सिंधिया सहित पार्टी के अन्य नेताओं से मुलाकात की।केंद्रीय नेतृत्व से चौहान की ये मुलाकातें इसलिए भी अहम मानी जा रही हैं क्योंकि पिछले हफ्ते उन्होंने खुद कहा था कि जल्द ही वे अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे।कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच मुख्यमंत्री चौहान एक माह तक अकेले ही सरकार चलाते रहे। बाद में अप्रैल माह में उन्होंने पांच मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया।मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों के राज्य विधानसभा से त्यागपत्र देने से कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार गिर गयी थी और चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा सरकार बनी थी। वे रिकार्ड चौथी बार प्रदेश के मुखिया बने।कांग्रेस के अधिकांश बागी विधायक, जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, सिंधिया के समर्थक माने जाते हैं।इस बीच, राज्य सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान चौहान ने प्रवासी मजदूरों के रोजगार और लॉकडाउन में राज्य की अर्थव्यस्था को मजबूती देने जैसे विषयों पर चर्चा की।मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के खिलाफ जंग जीतने में राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों से भी प्रधानमंत्री को अवगत कराया। बयान में कहा गया, ‘‘मार्च 2020 में मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री से यह पहली मुलाकात थी।’’लगभग आधे घंटे चली इस मुलाकात के दौरान चौहान ने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार की ओर से प्रकाशित पुस्तकें ‘‘उम्मीद’’ तथा ‘‘मध्य प्रदेश: विकास के लिए प्रतिबद्ध प्रयास’’ भेंट की।पुस्तक ‘‘उम्मीद’’ में प्रवासी मजदूरों के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी है वहीं दूसरी पुस्तक में चौहान के पहले सौ दिन के कार्यकाल में उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों का विवरण है।