कैलाश विजयवर्गीय से 'पंगा' लेने वाले शेखावत पर हो सकती है कार्रवाई!

भोपाल
बीजेपी महासचिव के खिलाफ हल्ला बोलने वाले पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत पर पार्टी शख्त है। पार्टी में आंतरिक कलह पर बीजेपी भी शख्त है। पूर्व विधायक ने कहा था कि 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार कैलाश विजयवर्गीय की वजह से हुई है। साथ ही उन्होंने विजयवर्गीय पर बागियों को फंड मुहैया कराने का आरोप लगाया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा है कि पार्टी इस मामले में भंवर सिंह शेखावत के साथ चर्चा करेगी और जरूरी हुई तो कार्रवाई भी करेगी।

मीडिया से बात करते हुए रविवार को वीडी शर्मा ने कहा है कि हम पार्टी के भीतर मतभेदों से अवगत हैं। हमने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए शेखावत को भोपाल पहुंचने के लिए भी कहा है। हम आम सहमति बनाने की कोशिश करेंगे। यदि आवश्यक हुआ तो हम अंसतुष्टों के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे। वीडी शर्मा ने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय को उपचुनाव के लिए पार्टी ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। वह मालवा इलाके के 5 सीटों पर ध्यान केंद्रीत कर रहे हैं और हम 5 सीटें जीतेंगे। पार्टी ने उन्हें वरिष्ठ नेता और मार्गदर्शक की जिम्मेदारी सौंपी है। राजेश अग्रवाल को पार्टी नेतृत्व से चर्चा के बाद ही शामिल किया गया था।

बदनावर से चुनाव हार गए थे शेखावत
2018 के विधानसभा चुनाव में एमपी राज्य सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष भंवर सिंह शेखावत बदनावर से चुनाव हार गए थे। कांग्रेस के राज्यवर्धन सिंह दतिगांव ने उन्हें चुनाव हराया था। दतिगांव अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हो गए हैं। उपचुनाव में पार्टी ने घोषणा कर दिया है कि बदनावर से दतिगांव ही बीजेपी के उम्मीदवार होंगे। इसके बाद से शेखावत नाराज हो गए हैं।

कैलाश कर रहे हैं सरकार को अस्थिर करने की कोशिश
हाल ही में भंवर सिंह शेखवात ने कहा है कि बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, शिवराज सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कैलाश ने मालवा क्षेत्र में बीजेपी के 10-12 बागियों को मैदान में उतारा था। उन लोगों ने बीजेपी के आधिकारिक वोटों में कटौती की थी। साथ ही कैलाश ने बागियों को वित्तीय संरक्षण भी दिया था। वह अति-महत्वकांक्षी हैं और सीएम बनना चाहते हैं।

गौरतलब है कि हाल ही में कथित रूप से शेखावत के कहने पर 500 से अधिक बीजेपी कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हुए हैं। वहीं, पार्टी ने उपचुनाव के दौरान किसी भी नेता को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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