क्या भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प की वजह चीनी तंबू में लगी रहस्यमय आग थी? केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने ऐसा दावा किया है। वीके सिंह का कहना है कि अचानक लगी आग से भारतीय सैनिक भड़क उठे थे। उनके मुताबिक, यह कह पाना मुश्किल है कि चीनी सैनिकों ने तंबू में क्या रखा हुआ था जिससे वह आग लगी। हालांकि, वीके सिंह का यह दावा अबतक सामने आ रही बात से थोड़ा अलग है। अबतक कहा जा रहा था कि चीनी सैनिकों के पीछे न हटने की बात पर भारतीय सैनिकों ने तंबू उखाड़कर फेंका था।
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अब वीके सिंह ने कहा कि 15 जून की रात जब कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू पेट्रोल पॉइंट 14 पहुंचे तो पाया कि चीन ने वहां से तंबू नहीं हटाया था। वह तंबू यह देखने के लिए लगाया गया था कि भारतीय सेना पीछे गई या नहीं। फिर जब बातचीत में दोनों के पीछे जाने की बात हुई तो संतोष बाबू ने चीनी सैनिकों से उसे हटाने को कहा। वीके सिंह से मुताबिक, PLA जवान तंबू हटा रहे थे कि अचानक की उसमें आग लग गई। अबतक साफ नहीं है कि चीनियों ने तंबू में क्या रखा हुआ था। वीके सिंह कहते हैं कि इसके बाद ही सैनिकों के बीच पहले बहस हुई जो फिर हिंसक झड़प तक पहुंच गई।
पीपी 14 क्यों कब्जाना चाहता है चीन, वीके सिंह ने बताया
वीके सिंह ने एबीपी न्यूज से हुई बातचीत में कहा कि 1962 के बाद से ही पेट्रोल पॉइंट 14 (पीपी 14) हमारे पास है। अब भारत ने श्योक नदी के साथ-साथ रोड बनाई है जो दौलत बेग ओल्डी तक जाती है। पहले जो सामान 15 दिन में पहुंचता था वह इस सड़क की मदद से सिर्फ 2 दिन में पहुंच जाता है। वीके सिंह के मुताबिक, चीन की तरफ से उसे यह सड़क नहीं दिखती। इससे ही चीनी सेना में खलबली है। इस सड़क पर नजर बनी रहे इसके लिए उसने पीपी 14 पर दावा करना शुरू कर दिया, उसके सैनिकों ने आगे आने की कोशिश की जिन्हें भारतीय जवानों ने रोक दिया।
वीके सिंह के मुताबिक, दोनों देशों के बीच जब बातचीत हुई तो यह हुआ कि स्थिति वैसी रहेगी जैसी 15 जून से पहले तक थी। यानी चीनी सेना को पीछे जाना था। यह भी तय हुआ था कि पीपी 14 पर, उसके पीछे 2 किलोमीटर तक और 5 किलोमीटर के दायरे में कितने-कितने सैनिक रह सकते हैं। लेकिन चीन ने इसका पालन नहीं किया।