ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने इंटरनैशनल मैचों की फिक्सिंग का रैकेट चलाने वाले ग्रुप की पहचान की है, जिसका सरगना एक भारतीय है। नाम के इस शख्स को विक्टोरिया पुलिस ने इस रैकिट का ‘मुख्य सरगना’ बताया है। यह शख्स चंडीगढ़ के पास स्थित मोहाली का रहने वाला है, जो बीते कई सालों से भारतीय क्रिकेट बोर्ड की नजर में भी है।
शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के अखबार सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने विक्टोरिया पुलिस के हवाले से इस संबंध में एक खबर प्रकाशित की थी। पुलिस ने इसे का मुख्य सरगना बताया है, जो टेनिस में कम रैंकिंग वाले खिलाड़ियों को मैच में सट्टा लगने के बाद मैच छोड़ने के लिए कहता था।
एक अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने इस संबंध में बीसीसीआई की ऐंटी करप्शन यूनिट (ACU) के हेड अजीत सिंह से दांडीवाल को लेकर बात की। अजीत सिंह ने बताया कि वह मूल रूप से मोहाली से है, जो मध्य एशिया में खूब सक्रिय रहा है। उसका नाम क्रिकेट लीग का आयोजन करने वाले लोगों में भी शुमार है। एक बार उसने एक निजी लीग का आयोजन हरियाणा में भी किया था, तब एसीयू उस तक पहुंचने में विफल रही थी। बीसीसीआई ने अपने सभी पंजिकृत खिलाड़ियों को अडवाइजरी जारी की थी कि उन्हें इस लीग में भाग नहीं लेना है।
एसीयू के एक अन्य अधिकारी ने बताया, ‘ऑस्ट्रेलियाई पुलिस द्वारा दिखाई गई फोटो में दांडीवाल को फिक्सिंग का सरगना बताया गया है। यह भारतीय शख्स बीसीसीआई की रडार पर भी है। हम अपने घरेलू और राष्ट्रीय खिलाड़ियों के शैक्षिक सत्र में हमेशा अपने खिलाड़ियों को इस शख्स से सावधान रहने के बारे में बताते हैं।’
हालांकि सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की खबर के मुताबिक पुलिस ने अभी दांडीवाल पर अभी किसी तरह के आरोप तय नहीं किए हैं। हेराल्ड की खबर के मुताबिक भारतीय मूल के दो अन्य शख्स राजेश कुमार और हरसिमरत सिंह, जो मेलबर्न में रहते हैं, उन्हें मेलबर्न कोर्ट में पेश किया गया था। इन पर पुलिस का आरोप है कि इन दोनों ने फिक्सिंग कर 3 लाख 30 हजार ऑस्ट्रेलियाई डॉलर गैर-कानूनी ढंग से जीते हैं।
विक्टोरिया पुलिस ने इन दोनों पर 2018 में खेले गए कम से कम दो टेनिस टूर्नमेंट में ‘भ्रष्टाचार’ के आरोप दायर किए हैं। ये टूर्नमेंट ब्राजील और इजिप्ट में खेले गए थे।
राजीव और हरसिमरत पर आरोप है कि उन्हें दांडीवाल से यह सूचना मिली थी कि एक या इससे ज्यादा खिलाड़ियों ने के साथ मिलकर मैच के रिजल्ट को प्रभावित करने की हामी भरी थी।