उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पता लगाने और इसे नियंत्रित करने के लिए जुलाई से स्वास्थ्य विभाग की ओर से पूरे प्रदेश में डोर-टु-डोर मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी। इसकी शुरुआत जुलाई के पहले सप्ताह में मेरठ मंडल से की जाएगी। इसके बाद बाकी 17 मंडलों में भी स्क्रीनिंग का अभियान चलाया जाएगा। रविवार को मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा की।
राजेंद्र कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग शत-प्रतिशत घरों की स्क्रीनिंग का कार्य निर्धारित समय में पूर्ण कराने के लिए आवश्यक रणनीति समय से तैयार कर ली जाए। जिलों में रैपिड रेस्पॉन्स टीम एवं एंबुलेंस को तैयार रखा जाये, जिससे सूचना मिलते ही जरूरी कदम उठाए जा सकें। मेडिकल स्क्रीनिंग के समय पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर घरों की मार्किंग भी की जाए। मेडिकल स्क्रीनिंग के दौरान किसी व्यक्ति में कोरोना का लक्षण पाए जाने पर उसका पल्स ऑक्सीमीटर और रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया जाये। संक्रमित होने की दशा में उसे तत्काल कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाए।
5.60 करोड़ लोगों का सर्वे
प्रदेश में अब तक 1.10 करोड़ परिवारों के 5.60 करोड़ लोगों का सर्वेक्षण किया जा चुका है। इसके लिए 1.50 लाख सर्विलांस टीमें लगाई गई हैं। प्रदेश में रिकवरी रेट बढ़कर 66.86% पहुंच चुका है। मुख्स सचिव ने कहा कि कोरोना का प्रसार को रोकने में आम नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए उन्हें विभिन्न प्रचार माध्यमों से जागरूक करने के लगातार प्रयास किए जाएं। मैजिस्ट्रेट और पुलिस की गाड़ियों से व्यस्त चौराहों एवं बाजारों में पैट्रोलिंग कर सोशल डिस्टेसिंग और मास्क का उपयोग सुनिश्चित कराएं।
तिवारी ने कहा कि सरकारी कार्यालयों, उद्योगों और ऐसे समस्त स्थानों पर जहां पर बड़ी संख्या में लोग आते हैं, वहां कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने के कार्य में तेजी लायी जाए। गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत चिन्हित 31 जिलों के साथ-साथ बाकी जिलों में भी रोजगार के अवसर पैदा करने के प्रयास किए जाएं।
यूपी में अब तक 660 की गई जान
उत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमित 11 और लोगों की मौत के साथ राज्य में इस वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 660 हो गई है। जबकि 24 घंटों के दौरान इस संक्रमण के 606 नए मामले सामने आए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि राज्य में अब कोरोना संक्रमण के कुल 22147 मामले हो गए हैं। उनके अनुसार, उनमें 14808 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 6679 मरीजों का इलाज जारी है। राज्य में अब रोजाना 20 हजार से ज्यादा नमूनों की जांच की जा रही है।