भिलाई(सीजी आजतक न्यूज)। दुर्ग जिले के कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय की बीएड की मान्यता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने रद्द कर दी है। बीते चार साल से मान्यता रद्द होने के बाद भी कोर्स का संचालन कर विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
एनसीटीई में इससे पहले सभी कॉलेजों को नोटिस दिया था। नोटिस में कॉलेजों में मिली कमी को दूर करने के लिए कहा गया था और उसकी रिपोर्ट जमा करने को कहा था फिर भी कॉलेज संचालकों ने नोटिस का जवाब नहीं दिया। इन्हीं बातों को एनसीईआरटी की वेस्टर्न रीजनल कमेटी की बैठक में रखा गया। इसके बाद वहां मिली कमियों के आधार पर उनकी एनसीटीई से संबद्धता समाप्त करने का फैसला किया गया। उक्त कॉलेज में बीएड के छात्रों के लिए पर्याप्त सुविधा व संसाधन नहीं है।
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न्यायालीय प्रकरण में दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि एनसीईटी के साथ समन्वय स्थापित कर इस प्रकरण का निराकरण कर ले इसके पश्चात 4 साल के दौरान भी कल्याण महाविद्यालय ने उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन नहीं किया है और एनसीईटी में पुनः प्रकरण के संबंध में अपील की, जिसे एनसीईटी ने खारिज कर दिया। विगत चार वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक इसका निराकरण नहीं हो पाया है जबकि दूसरे निजी महाविद्यालयों ने अपनी कमियों को दूर कर लिया है। ऐसी जानकारी प्राप्त हुई की वर्ष 2019 में ही बीएड की मान्यता समाप्त हो चुकी है। इसके बावजूद एससीईआरटी द्वारा महाविद्यालय को मान्यता देते हुए काउंसिलिंग में पुनः शामिल किया गया है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ आरपी अग्रवाल ने इस संबंध में वास्तविक स्थिति की जानकारी एसईआरटी को नहीं दी है। इस भ्रामक स्थिति के आधार पर विद्यार्थी पुनः महाविद्यालय में प्रवेश लेने के लिए अग्रसर हो रहे हैं। इसकी जिम्मेदारी कॉलेज के प्राचार्य के अलावा हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलपति की भी है।