छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार वापसी की उम्मीद लगाए बैठे लोगों के लिए यह खबर जरूरी हैः प्रदेश के पांच मंत्री और 10 विधायक चुनाव हार रहे!

भिलाई/रायपुर(सीजी आजतक न्यूज)। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार की वापसी की उम्मीद लगाए बैठ लोगों के लिए यह खबर जरूरी है। सीजी आजतक न्यूज की सर्वे के मुताबिक सीजी के 5 मंत्री और 10 कांग्रेस विधायक चुनाव हार रहे हैं ऐसे में कैसे कांग्रेस की सरकार की वापसी होगी या बनेगी यह सबसे बड़ा सवाल है? इस खबर को पढ़ कर बीजेपी को सत्ता वापसी के लिए खुश होने की जरूरत नहीं क्योंकि यदि सत्ता में वापसी होती है तो कांग्रेस का योगदान शामिल है। जिस तरह 2018 में कांग्रेस की सत्ता में आने के लिए उनका कोई पुरुषार्थ नहीं था बल्कि बीजेपी को सबक सिखाने के लिए जनता ने वोट दिया था उसी तरह इस साल भी जनता ने मन बना लिया है।

इन मंत्रियों की स्थिति अच्छी नहीं
हारने वाले मंत्रियों में सबसे पहले नंबर पर मोहम्मद अकबर है। इसका प्रमुख कारण कवर्धा में सांप्रदायिक दंगा है। वर्तमान में हिंदू और मुस्लिम के बीच ज्यादा खाई बढ़ गई है। लोगों की मानें तो हिंदू जागृत और संगठित भी हो गए हैं। जिस तरह किसी भी मुस्लिम बाहुल्य इलाके में कोई भी हिंदू व्यक्ति पार्षद या विधायक नहीं चुना जाता है। उसी तरह इस चुनाव में कवर्धा में भी होने वाला है। ऊपर से उनके तिलक लगाने से मना करने वाला वीडियो पूरे कवर्धा क्षेत्र में वायरल हो रहा है। अब वे कितने बार भी मंदिर चले जाए या तिलक लगा ले इस चुनाव में मुश्लिकलों का सामना करना पड़ सकता है। दूसरे नंबर पर मंत्री रविंद्र चौबे है। उन्हें बिरनपुर शक्तिघाट, साजा की घटना का खामियाजा इस चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। तीसरे नंबर पर मंत्री रूद्र कुमार है। वे हार के डर से पहले ही पलायन कर चुके हैं। नए विधानसभा क्षेत्र में उन्हें बाहरी प्रत्याशी होने का दंश झेलना पड़ रहा है।

जिले का अब तक का सबसे कमजोर कलेक्टरः बरसात के पहले की शिकायत का निराकरण सीजन खत्म होने के बाद नहीं हुआ, क्या हर मामले के लिए जाना पड़ेगा कोर्ट?

चौथे नंबर पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू हैं। प्रोटोकाल के हिसाब के प्रदेश में दूसरे नंबर के मंत्री का पूरे प्रदेश तो दूर की बात दुर्ग में भी कोई दबदबा नहीं रहा है। ऊपर ने उनका पुत्र मोह जग जाहिर है। दुर्ग विधानसभा ग्रामीण में यह भी मिथक जुड़ा हुआ है। वहां से दोबारा कोई नहीं जीतता है। दुर्ग ग्रामीण विस जब से अस्तित्व में आया है तब से जनता ने किसी को भी दूसरे बार मौका नहीं दिया है। पांचवें नंबर पर नगर निकाय मंत्री शिव कुमार डहरिया है। उनकी भी स्थिति क्षेत्र में ठीक नहीं है। वे पहले भी जोगी मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके है। जो उसके लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है। क्षेत्र की जनता उन्हें भी इस चुनाव में सबक सिखाने का मन बना चुकी है। चुनाव की तारीख नजदीक आते आते इन पांच मंत्रियों की संख्या घट और बढ़ भी सकती है।

हारे या जीते…दुर्ग के नेता तो अरुण वोरा ही रहेंगेः 30 साल से कांग्रेस ने नहीं दिया किसी और को मौका, टिकट की आस में ढल गई युवाओं की उम्र
इन विधायकों के लिए खतरे की घंटी
कांग्रेस विधायकों की बात की जाए तो सबसे पहले नंबर पर गुंडदेही के विधायक कुंवर निषाद शामिल है। उनके क्षेत्र के अलावा दुर्ग जिले के लोगों को भी उनके पांच साल के गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं रही है। दूसरे नंबर पर दुर्ग के अरुण वोरा है। उन्हें विरोधियों नहीं बल्कि अपनो (कांग्रेसियों) के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। तीसरे नंबर देवेंद्र यादव है। पूरे साल तक क्षेत्र में सक्रिय रहने वाले और कार्यकर्ताओं की फौज के बाद उनकी चुनावी डगर कठिन लग रही है। उनके साथ सबसे बड़ा ड्राबैक यह है कि उनके साथ जुड़े लोगों के नाम महादेव सट्टा से जुड़े हुए है। इसलिए संभवतः उन्हें भी पराजय का सामन करना पड़ सकता है। एक कारण यह भी है कि बीते चार दशक से भिलाई में किसी को भी दोबार मौका नहीं मिला है। हर बार विधायक बदलने की परपंरा बन गई है। यह परंपरा इस बार भी कामय रह सकता है। रायपुर उत्तर के कांग्रेस विधायक को इसबार पराजय का सामना करना पड़ सकता है। वहां पर त्रिकोणीय मुकाबला होने और बीजेपी से दमदार प्रत्याशी होने के कारण इस बार विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। इसी तरह बस्तर के चार कांग्रेस विधायक हार रहे हैं। दो पर कड़ा मुकाबला है और चार सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी।

क्यों हारेंगे इसका विश्लेषण अगले अंक में विस्तार से किया जाएगा।

इसे भी पढ़ेंः सीएम के विधानसभा क्षेत्र के पंचायत का कमालः निजी और विवादित जमीन पर कर दिया सीमेंटीकरण

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *