बिजली नियामक आयोग में सुनवाईः टैरिफ बढ़ाने की कंपनी की याचिका पर आपत्ति, लाइन लास, बिल वसूली में नाकामी का ठीकरा उपभोक्ताओं पर ना फोड़े-किसान संगठन

भिलाई (सीजी आजतक न्यूज)। सीएसपीडीसीएल (CSPDCL)के बिजली टैरिफ बढ़ाने संबंधी याचिका पर नियामक आयोग (Regulatory Commission) में जनसुनवाई (public hearing) हुई। सुनवाई में छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन (Chhattisgarh Progressive Farmers Organization) के संयोजक राजकुमार गुप्त ने याचिका का विरोध (opposed the petition) किया। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनी चोरी और लाइन लास को नियंत्रित करने में नाकाम रही है। यहां तक कि बिलिंग करने और बिल की राशि वसूल करने में भी असफल रही है. जो कंपनी के घाटे का प्रमुख कारण हैं। सरकारी विभागों (Government department) के करोड़ों के बिजली बिल बकाया हैं। मामूली बकाया पर आम उपभोक्ता (Consumer) की बिजली काटने और उसे अपमानित करने वाली कंपनी के अधिकारियों में ऐसा ही व्यवहार सरकारी विभागों के साथ करने का साहस नहीं है। बिजली कंपनी (Electricity company) की नाकामियों की सजा आम उपभोक्ताओं को नहीं दिया जाना चाहिए।

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एड. राजकुमार गुप्त ने नियामक आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि बिजली कंपनी राज्य के सिर्फ 5 जिलों में सिंचाई पंपों की बिजली पिछले कई साल से 6 घंटे काट रही है। यह भेदभाव और संविधान के समानता के नागरिक अधिकार का उल्लंघन है। हर साल जनसुनवाई में यह मुद्दा उठाया जाता है लेकिन आयोग न्याय नहीं कर रही है। इसी प्रकार राज्य के लगभग 1.75 लाख सिंचाई पंपों में मीटर नहीं लगाये गये हैं। आयोग के समक्ष यह मुद्दा भी कई साल से उठा रहे हैं इसके बाद भी आयोग मीटर लगवाने में विफल रही है।

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