भिलाई(सीजी आजतक न्यूज)। प्रदेश के लोक निर्माण विभाग एवं गृह मंत्री के विधान सभा क्षेत्र के सड़कों की स्थिति खराब है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे जिले और प्रदेश की सड़कों की स्थिति क्या होगी? हम बात कर रहे हैं उनके विधान सभा क्षेत्र के तहत आने वाली सबसे बड़ी तालपुरी इंटरनेशनल कॉलोनी की है। पंथी चौक से कॉलोनी की पहुंच मार्ग की स्थिति गांव से भी घटिया है। गर्मी में जहां इस सड़क पर धूल उड़ती है वहीं बरसात में पानी भर जाता है। तेज बारिश के दौरान सड़क पर पानी भरने से पता ही नहीं चलता है कि सड़क की सीमा कहा है। वहीं बारिश के कारण सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए हैं जिससे वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक साल पहले नाली ऐसी बनाई गई जिससे बरसाती पानी निकलता नहीं है। ए ब्लॉक की दीवार तक बरसात में कई महीनों तक पानी भरा रहता है, इससे दीवार के कमजोर होकर गिरने का खतरा पैदा हो गया है।
0- पानी रोज होता है ओवरफ्लो
जब से कॉलोनी का नगर निगम को हस्तांतरण हुआ है तब से कॉलोनी के भीतर की व्यवस्था चरमरा गई है। कॉलोनी के भीतर ओवरहैंड टैंक से रोज सुबह और शाम को हजारों गैलन पानी व्यर्थ बहते रहता है, इसे रोकने वाला कोई नहीं है। संपवेल से पानी चढ़ाने के बाद लगातार ओवरफ्लो होते रहता है। कई बार शिकायत के बाद निगम प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है।
0- सफाई व्यवस्था भी चौपट
इसी तरह कॉलोनी की सफाई व्यवस्था भी मुफीद नहीं है। सीजी हाउसिंग बोर्ड अधीनस्थ के दौरान ट्रक से कचरा कलेक्शन किया जाता था। निगम को हैंडओवर के बाद सफाई संसाधन और मैन पावर की कमी हो गई है। अब रिक्शे से कचरा कलेक्शन किया जा रहा है। रिक्शे वाले भी अपनी मर्जी के कचरा लेने आते हैं। कोई मॉनिटिरंग नहीं हो रही है। रिक्शे की संख्या भी कॉलोनी के क्षेत्रफल और आबादी के हिसाब से बहुत कम है।
निम्न स्तर की राजनीति
कॉलोनी में निम्न स्तर की राजनीति हो रही है। एसोसिएशन के एक जिम्मेदार व्यक्ति ने सड़क डामरीकरण भूमिपूजन की बात बड़ी जोरशोर से प्रचारित की थी। कॉलोनी में सब बढ़े लिखे (एलिट क्लास) और जानकार लोग रहते हैं। एसोसिएशन के पदाधिकारी ने सभी लोगों को भ्रमित कर दिया था कि अब डामरीकरण होने ही वाला है। जबकि अधिकतर लोग जानते हैं कि बारिश में 15 जुलाई से 15 अगस्त तक सभी नए सरकारी निर्माण काम बंद हो जाता है। सिर्फ पहले से चालू काम ही होते हैं। इस तरह की राजनीति कॉलोनी में चल रही है। इसी तरह यह भी चर्चा होती है कि निगम में विपक्षी पार्टी का पार्षद बन जाने के कारण विकास काम नहीं होता है। यह बात भी बेमानी है। कुछ हद तक तो इसमें राजनीति हो सकती है किंतु पूरी तरह नहीं। कारण काम शासन और प्रशासन कराता है न कि नेता या मंत्री। विकास काम भी जनता के टैक्स से जमा पैसे से होता है। कोई मंत्री या नेता अपनी जेब से पैसे नहीं देता है।
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