भिलाई. जगन्नाथ समिति की ओर से सेक्टर-4, बोरिया मार्केट स्थित जगन्नाथ मंदिर से भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी जी के रथयात्रा की रस्म अदायगी की गई। इस वर्ष रथ सेक्टर-4 के श्री जगन्नाथ मंदिर में स्थित सभागार में निर्मित गुण्डिचा मंडप में ही महाप्रभु विराजमान हुए। श्री जगन्नाथ स्वामी जी भक्तों को कोरोना प्रकोप से बचाने के लिए नहीं
निकले नगर भ्रमण पर।कोरोना वायरस महामारी (Corona virus)को ध्यान में रखते हुए श्री जगन्नाथ मंदिर, सेक्टर-4 भिलाई द्वारा रथ यात्रा की सिर्फ रस्म अदायगी की गई। रथ को मंदिर परिसर से बाहर नहीं निकाला गया और न ही शहर भ्रमण कराया गया। मंदिर परिसर में ही पुजारियों व सेवकों की उपस्थिति में रथयात्रा विधान पूर्ण किया गया। (Dharma-karma)
दर्शन के लिए मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य
इस वर्ष मंदिर से संलग्न सभागार में ही गुण्डिचा मंडप बनाया गया है जहां प्रभु 9 दिन तक विराजमान रहेंगे और इस दौरान भक्तजन उनका दर्शन कर सकेंगे। दर्शन के लिए मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य है। बता दें कि हो कि श्री जगन्नाथ मंदिर, सेक्टर-4 द्वारा आयोजित रथयात्रा महोत्सव भिलाई शहर का सबसे पुरानी रथयात्रा है जिसने 51 वर्ष पूर्ण कर ली है। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष विरेन्द्र सतपथी एवं महासचिव सत्यवान नायक सहित समिति के पदाधिकारी बसंत प्रधान, डी त्रिनाथ, अनाम नाहक, वृंदावन स्वांई, भीम स्वांई, त्रिनाथ साहू, सुशांत सतपथी, बीसी बिस्वाल आदि उपस्थित थे।
छेरा-पंहरा व पूजा रस्म
शंख ध्वनि के साथ मंगलवार को सुबह 5 बजे ब्रहम मुहूर्त में भगवान श्री बलभद्र, माता सुभद्रा तथा महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के विग्रह को एक साथ पंहडी करते हुए काष्ठ निर्मित सुन्दर व भव्य रथ पर लाया गया। इस वर्ष रथयात्रा के दौरान रथ के समक्ष परम्परा अनुसार छेरा-पंहरा की रस्म विरेन्द्र सतपथी ने निभाई। रथ यात्रा के सभी धार्मिक रस्म पण्डित सर्वश्री पितवास पाढ़ी, नीलांचल दास, प्रकाश दास, रंजन महापात्र द्वारा विधि विधान से सम्पन्न कराई।