भिलाई। छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच ने संस्थापक अध्यक्ष ताराचंद साहू की 9 वीं पुन्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाया। इस अवसर पर छत्तीसगढिय़ों के लिए उनके द्वारा दिए गए त्याग, बलिदान और उनके समर्पण को याद किया गया।
कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने छठ पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की
कार्यक्रम में अध्यक्ष एडवोकेट राजकुमार गुप्त ने आगाह किया कि राज्य के मतदाता सूची में छत्तीसगढ़ी मूल के लोगों की तुलना में अन्य प्रांतीय मूल के लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले 5 साल में राज्य में नये मतदाताओं की संख्या में लाखों की वृद्धि हुई है। अकेले दुर्ग जिले में ही लगभग एक लाख नये मतदाताओं के नाम जोड़े गये हैं। नये जोड़े गये मतदाताओं में आधी संख्या उन लोगों की है जो इस अवधि में अन्य प्रांतों से छत्तीसगढ़ में आकर बसे हैं। अन्य प्रांतीय मूल के मतदाता अब छत्तीसगढ़ की राजनीति को प्रभावित करने की स्थिति में आ गये हैं, इसीलिये अन्य प्रांतीय मूल के मतदाताओं को साधने के लिये कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने छठ पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। राज्य के स्कूलों में ओडिय़ा और गुजराती भाषा की पढ़ाई कराने का निर्णय लिया है।
छत्तीसगढिय़ा अपने ही राज्य में अल्पसंख्यक हो जाएंगे
उन्होंने छत्तीसगढिय़ों को सचेत करते हुए कहा कि यदि अन्य (छत्तीसगढ़ के बाहर राज्य) के लोगों का छत्तीसगढ़ आना नहीं रोका गया, तब वह दिन दूर नहीं जब राज्य का डेमोग्राफी बदल जायेगा। छत्तीसगढिय़ा अपने ही राज्य में अल्पसंख्यक हो जाएंगे। ऐसे में स्व. ताराचंद साहू का बलिदान व्यर्थ चला जायेगा और छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढिय़ा राज स्थापित करने का उनका सपना कभी पूरा नहीं हो पाएगा?
ऐसे दलों की सरकारें छत्तीसगढ़ की डेमोग्राफी बदलकर छत्तीसगढिय़ों का अहित करते
उन्होंने भाजपा, कांग्रेस सहित सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों पर प्रहार करते हुए कहा कि ऐसे दलों की सरकारें छत्तीसगढ़ की डेमोग्राफी बदलकर छत्तीसगढिय़ों का अहित करते हैं, इसलिये छत्तीसगढिय़ों को मजबूत क्षेत्रीय राजनीतिक विकल्प खड़े करने का प्रयास करना चाहिये। इसी मकसद से ही स्व. ताराचंद साहू ने एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल के रूप में छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच का गठन किया था। कार्यक्रम को महासचिव रजा अहमद, युवा स्वाभिमान मंच के प्रदेश अध्यक्ष पूरन साहू और ढालेश साहू ने भी संबोधित किया।