फर्जी खबर छापने पर राजस्थान पत्रिका को श्रमिक नेता ने भेजा नोटिस

भिलाई। खुद को सच का सबसे बड़ा झंडाबरदार बताने वाला राजस्थान पत्रिका समाचार पत्र सत्य का कत्ल करने से बाज नहीं आ रहा है। लच्छेदार शब्दों में मूल्यनिष्ठ पत्रिकारिता की नसीहत देने वाला यह पत्र समूह अपने खून पसीने से अखाबर को सींचने वाले अखबारनवीसों का शोषण करने में सभी को पीछे छोड़ दिया है। इस मामले में फर्जीवाड़ा करने के लिए प्रबंधन को अदालती मामलों का सामना करना पड़ रहा है। ताजा मामला छत्तीसगढ़ में फर्जी समाचार छापने का है, जिसमें एक श्रमिक नेता ने पत्रिका प्रबंधन को नोटिस भेजा है।

एकतरफा समाचार प्रकाशन के लिए भेजा नोटिस
बता दें कि मजीठिया वेजबोर्ड मामले में राजस्थान पत्रिका प्रबंधन को देश के विभिन्न अदालतों में कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है. इस मामले में पत्रिका प्रबंधन की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। इसी कड़ी में एचएस मिश्रा अध्यक्ष, हिंद मजदूर सभा (एचएमएस) एवं महासचिव छत्तीसगढ़ इंजीनियरिंग कर्मचारी संगठन भिलाई ने अपने अधिवक्ता समीर कुमार त्रिपाठी के माध्यम से पत्रिका समाचार पत्र के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी एवं छत्तीसगढ़ के राज्य संपादक के नाम बिना साक्ष्य व उनका पक्ष जाने बिना एकतरफा समाचार प्रकाशन के लिए नोटिस भेजा है। फर्जी समाचार प्रकाशन से न सिर्फ उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई बल्कि उनके सम्मान की हानि भी हुई है। उन्होंने गुलाब कोठारी के साथ मेसर्स सुधांशु बदर्स के प्रोपराइटर सेक्टर-वन निवासी सुधाशुं खंडेलवाल को भी पार्टी बनाया है।

गैरजिम्मेदाराना ढंग से बिना सबूत छापा गया

नोटिस में कहा है कि व्यक्तिगत पूर्वाग्रह रंजिश के कारण एचएस मिश्रा के खिलाफ झूठी शिकायत के आधार पर दैनिक समाचार पत्र पत्रिका में समाचार का प्रकाशन कराया है। जो झूठ और बेहद गैरजिम्मेदाराना ढंग से बिना सबूत छापा गया है। दिनांक 8 अक्टूबर 2021 को बिना किसी सबूत व आधार के यह लिखा गया कि श्री मिश्रा, मेसर्स सुंधाशु ब्रदर्स से दो लाख रुपए महीने देने का दवाब डाल रहा था। नहीं देने पर बर्बाद करने व फर्जी मुकदमे में लेबर कोर्ट में फंसाने की धमकी आए दिन देते रहा है। वे ऐसा प्रतिस्पर्धी ठेकेदारों के ईशारों पर कर रहा है।

ख्याति को नष्ट करने दूर्भावनापूर्वक आशय के किया गया
नोटिस में यह भी कहा गया है कि उन्होंने रकम नहीं दी तो केंद्रीय उप श्रमायुक्त के यहां कुछ मजदूरों के नाम से उनके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करवा दी। उक्त प्रकाशन अत्यंत खेदजनक, झूठे तथ्यों पर आधारित श्री मिश्रा की ख्याति पर लांछन लगाने व ख्याति को नष्ट करने दूर्भावनापूर्वक आशय के किया गया है। नोटिस में यह भी बताया गया है कि श्री मिश्रा की उम्र 71 वर्ष हो चुकी है, वे बीते 40 वर्षों से ट्रेड यूनियन के पदाधिकारी की हैसियत से मजदूरों को उनके कानूनी अधिकारों को दिलाने के लिए सतत संघर्ष कर रहे हैं। कभी किसी ने उनके चरित्र व ईमानदारी पर सवाल नहीं उठाया है। समाचार प्रकाशन के बाद उनकी ख्याति प्रभावित हुई है। लोगों के मन में उनके कार्यों एवं चरित्र को लेकर गलत संदेश गया है।

15 दिनों के भीतर खंडन प्रकाशन करें
अधिवक्ता समीर कुमार त्रिपाठी ने नोटिस के माध्यम से पत्रिका प्रबंधन को चेतावनी दी है कि पत्र प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर लिखित माफी मांग कर खेद व्यक्त करते हुए खंडन प्रकाशन करें। अन्यथा की स्थिति में मानहानि के लिए सिविल व आपराधिक मामला दायर किया जाएगा जिसकी जवाबदारी पत्रिका प्रबंधन की होगी।

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