भिलाई. तालपुरी इंटरनेशनल कॉलोनी के हरेभरे पेड़ों पर रोज चल रही कुल्हाड़ी, कोई रोकने वाला नहीं। जिसकी मर्जी हो वे विशालकाय पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाकर कॉलोनी को हरियाली पर ग्रहण लगा रहे है, न कोई रोकने वाला न कोई टोकने वाला। सबसे पहले एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने क्लब हाउस में लगे हरेभरे पेड़ों की कटाई कराई। उसके देखते देखते ही लोगों ने कॉलोनी के विभिन्न उद्यानों के बड़े बड़े पेड़ों की कटाई करवा दी। जिम्मेदार विभाग मौन साधा हुआ है, न कोई शिकायत कर रहा न ही कोई आपत्ति जता रहा है। बता दें कि पेड़ काटने के लिए वन विभाग से अनुमति लेना पड़ती है। बिना अनुमति पेड़ काटने पर दंड का प्रावधान है।
सालों लग जाते है पेड़ बनने में
किसी भी पेड़ को काटना आसान है किंतु पौधों को पेड़ बनाना मुश्किल। पौधों को पेड़ बनने में सालों लग जाते है। इस संबंध में झुलसाने वाली गर्मी में पौधों को पानी देकर बचाने लोगों से पूछा जा सकता है? कितनी मशक्कत और मेहनत के बाद वर्तमान स्वरूप में पेड़ आकार लिए है।
बतां दे कि तालपुरी इंटरनेशनल कॉलोनी बी ब्लॉक में कॉलोनी निर्माण के समय सैकड़ों पौधे रोपे गए थे, जो अब पेड़ बन गए है। लोगों ने कड़ी मेहनत कर इन पौधों को गर्मी में पानी देकर बचाया है। सभी पौधे अब पेड़ बन गए हैं और कॉलोनी की हरियाली में चार चांद बिखेर रहे। इससे कॉलोनी की हरियाली देखते ही बनती है। भिलाई में बीएसपी टाउनशिप के बाद सबसे हरी-भरी कॉलोनी के रूप में तालपुरी कॉलोनी की पहचान बन रही है। सबसे पहले क्लब हाउस के पेड़ों की कटाई कराई गई। उसके बाद पारिजात के सामने स्थित गार्डन और गेट के सामने के पेड़ों पर बेदर्दी के साथ कुल्हाड़ी चला दी गई। कुल्हाड़ी चलाने वालों का तर्क था कि अंधेरा होने के कारण पेड़ों के नीचे बैठकर युवा नशाखोरी करते है, इसलिए पेड़ कटवा दिए। उनका यह तर्क किसी के गले नहीं उतर रहा है। अगर ऐसी बात है तो दुर्ग में एसपी और कलेक्टर बंगले के सामने स्थित दादा-दादी पार्क में लोग दिन दहाड़े नशा करते हैं। इसका मतलब तो ये नहीं कि पूरे पार्क के पेड़ ही कटवा दिया जाए।
क्लब हाउस से आवंटन में भाई-भतीजावाद, तालपुरी रेसीडेंट्स एसोसिएन के अस्तित्व पर सवाल
कॉलोनी का हस्तांतरण नगर पालिक निगम रिसाली को होने के बाद एसोसिएशन के अस्तित्व पर भी सवाल खड़े हो रहे है। कॉलोनी हस्तांतरण के बाद बी ब्लॉक के जूही और आर्किड प्रकोष्ठ सहित ए ब्लॉक के गुलमोहर प्रकोष्ठ का अलग से एसोसिएशन गठन हो चुका है। स्वतंत्र प्रकोष्ठों का गठन होने के बाद तालपुरी रेसीडेंट्स एसोसिएशन के अस्तित्व पर भी सवाल उठ रहे है। एसोसिएशन क्या सिर्फ डेजी, डलहलिया और मोगरा मकानों का प्रतिनिधित्व करेगी। क्योंकि बहुमंजिले प्रकोष्ठ का अलग से एसोसिएशन का गठन हो चुका है। यह चर्चा कॉलोनी के रहवासी कर रहे हैं।