दुर्ग.जिले के उच्च शिक्षा संस्थानों को लीड करने वाले साइंस कॉलेज को अब कमतर और अब तक नैक ग्रेडिंग में असफल रहे कॉलेजों की मदद करेगी होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ((UGC))साइंस कॉलेज को परामर्शदाता के रूप में चयनित कर 30 लाख रुपए की आर्थिक मदद देगा। इससे बगैर नैक रह गए कॉलेजों को लाइन पर लाने कार्यक्रम कराए जाएंगे। उद्योग जगत के लोगों का भी सहयोग इसमें लिया जाएगा। यूजीसी ने कहा है कि योजना के तहत परामर्शदाता संस्थान वही बन पाएगा जिसके पास नैक से ए ग्रेड हो। इस लिहाज से दुर्ग का साइंस कॉलेज संभाग में इकलौता है, जिसे नैक से ए प्लस ग्रेड मिला है।
नैक के लिए कैसे होंगे कॉलेज तैयार
Óपरामर्शÓ अंतर्गत ऐसे उच्च शिक्षण संस्थान जिन्हें राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ने ‘एÓ ग्रेड प्राप्त किया है और जिनका कुल अंक कम से कम 3.26 रहा हो, परामर्शदाता संस्थान हो सकता है। परामर्शदाता संस्थान कम से कम पांच परामर्श प्राप्तकर्ता संस्थानों की पहचान करेगा। इसके बाद परामर्श प्राप्तकर्ता संस्थान की वर्तमान हालत का अध्ययन करेगा और नैक के मापदंडों के अनुसार कार्यक्रम तैयार होंगे। आधारभूत मूल्यांकन करेगा। उसे शैक्षिक पहलुओं, शिक्षण अधिगम एवं आकलन, शोध, नवाचार एवं विस्तार में मदद करेगा।
परामर्श लेने के लिए करना होगा आवेदन
परामर्श प्राप्त करने के इच्छुक संस्थानों के प्रस्ताव निर्धारित प्रारूप में यूजीसी (UGC) को देना होगा। इन प्रस्तावों का मूल्यांकन एक विशेषज्ञ कमेटी करेगी, जिसकी सिफारिश के आधार पर आयोग निर्णय लेगा। इस योजना का लाभ लेने वाले संस्थानों के शोध, शिक्षण और अधिगम प्रविधि की उन्नत गुणवत्ता के परिणामस्वरूप संस्थान की प्रोफाइल में भी सुधार होगा।