प्रगति कॅाम्प्लेक्स जीर्णोद्धार मामले में निगम का एक और कारनामा आया सामने

भिलाई (सीजीआजतक न्यूज). नगर पालिक निगम खुर्सीपार जोन के तहत पावर हाउस बस स्टैंड के सामने स्थित प्रगति कॅाम्प्लेक्स जीर्णोद्धार मामले में निगम का एक और कारनामा सामने आया है। जिस जर्जर भवन का करोड़ों रुपए की लागत से निगम प्रशासन जीर्णोद्धार कर रहा है और पुरानी नींव पर भवन खड़ा किया जा रहा है। उस भवन की गुणवत्ता और मजबूती पर सवाल उठने के बाद निगम प्रशासन उस भवन को कथित रुप से मजबूत दिखाने और थूक पालिस करने का काम किया जा रहा है। वहीं वर्क ऑर्डर में उल्लेखित नियम और शर्त का खुलेआम उलंघन भी किया जा रहा है।

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40 साल पुराने प्रगति कॅाम्प्लेक्स का जीर्णोद्धार और बगल में मेगा मार्ट का निर्माण

बता दें कि निगम प्रशासन द्वारा 40 साल पुराने प्रगति कॅाम्प्लेक्स का जीर्णोद्धार और बगल में मेगा मार्ट का निर्माण किया जा रहा है। भवन की जर्जरता और पुरानी नींव पर मेगा मार्ट (मदर्स मार्केट निर्माण) की शिकायत वहां के व्यापारियों सहित स्थानीय नागरिकों और समाजसेवी सुमन शील ने शासन-प्रशासन सहित सांसद विजय बघेल से की थी। शिकायत पर सांसद ने उक्त स्थल का निरीक्षण कर कलेक्टर एवं निगम आयुक्त को काम रोकने के निर्देश दिए थे। उनके निर्देश के बाद भी काम तो नहीं रुका बल्कि निगम ने प्रशासन ने एक और कारनामा करते हुए भवन के सामने तीन कालम बनाकर काम जारी रखा। इतना ही नहीं वर्क ऑडर में मनमाने तरीके से परिवर्तन करते हुए छत की ढलाई के बजाए टीन शीट लगाने के लिए लोहे का ढांचा लगाया जा रहा है। इस संबंध में निगम के अधिकारी मीडिया को भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे हैं। वर्क ऑर्डर में उल्लेखित काम को परिवर्तित कर छत की जगह लोहे की शीट क्यों लगाई जा रही है यह सबसे बड़ा सवाल है?

सांसद के आदेश की अवहेलना
निगम प्रशासन सांसद विजय बघेल के निर्देश की अवहेलना कर अपनी मनमानी पर उतर आया है। सांसद ने भवन की गुणवत्ता पर सवाल उठाया तो पुरानी नींव के समीप ही नया कालम खड़ा कर भवन निर्माण जारी रखा और मजबूती का दावा किया जा रहा है। वहीं उनके निर्देश के बाद भी न तो कलेक्टर न ही निगम आयुक्त ने काम बंद कराया। यहां यह बता दें कि भवन का जीर्णोद्धार करने के लिए मौखिक आदेश देने वाले महापौर देवेंद्र यादव का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। छत्तीसगढ़ शासन ने कलेक्टर दुर्ग सर्वेश्वर नंद भुरे को प्रशासक बनाकार निगम संचालन की जिम्मेदारी सौंपी है।कलेक्टर को प्रशासक बनाने के बाद शिकायतकर्ताओं को उम्मीद जगी है वे नियम विरुद्ध निर्माण को रोककर वहां से खाली कराए गए किराएदार दुकानदारों के साथ न्याय करेंगे।

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