भिलाई (सीजीआजतक न्यूज). शहर का एक न्यूज एजेंसी संचालक चिटफंड (बीसी) का करोड़ों रुपए लेकर बीते महीने से फरार हो गया है। कम समय में Óयादा पैसे कमाने के लालच में पडऩे वाले व्यक्तियों में लखपतियों के अलावा मार्केट के फुटकर व्यापारी और रोज कमाने खाने वाले (सब्जी, चाय, पान ठेले, झिल्ली बीनने वाले) लोग शामिल हैं। इनमें बड़े अखबार के एजेंट के अलावा प्रसार विभाग के कर्मचारी भी हैं जिनका लाखों रुपए बीसी में लगा हुआ है। सबसे Óयादा परेशानी गरीब और फुटकर व्यापारी को हैं जिन्होंने कोरोना महामारी में भी एक-एक पैसे बचत कर दोगुनी रकम के लालच में पैसे इंवेस्ट किए थे। उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उनकी पीड़ा तो न तो मीडिया वाले सुन रहे हैं न ही पुलिस प्रशासन। ऐसे लोग थाने में शिकायत भी दर्ज नहीं करा पा रहे है। बताया जाता है कि बड़े समाचार पत्रों का पैसा निकल जाने के बाद वे भी चुप्पी साध लिए है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अब गरीबों के साथ न्याय कौन करेगा? किसी भी अखबार वालों ने इस संबंध में एक लाइन खबर नहीं छापी, न ही गरीबों के साथ खड़े हुए।
दीपक ठक्कर पिछले दिसंबर से मार्केट का करोड़ों रुपए लेकर शहर से फरार
बता दें कि शहर में दैनिक समाचार पत्रों का (वितरक) बड़ा एजेंट दीपक ठक्कर पिछले दिसंबर से मार्केट का करोड़ों रुपए लेकर शहर से फरार हो गया है। वे मार्केट के बड़े व्यापारी, पेपर एजेंट और समाचार पत्र के कर्मचारियों के अलावा छोटे- छोटे फुटकर व्यापारियों को बीसी खिलाया करता था। शुरू शुरू में लोगों का विश्वास जीतने नियत समय में लोगों का पैसा लौटा देता था। जब लोगों का विश्वास जीत लिया तो करोड़ों रुपए लेकर शहर से फरार हो गया है। उनके हुडको निवासी परिजन ने भिलाई सेक्टर-छह कोतवाली थाने में 17/18 दिसंबर को उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसके अलावा पीडि़त लोगों में समाचार पत्र के प्रसार विभाग के कर्मचारियों ने भी लिखित में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने पीडि़तों की शिकायत पर अब-तक कोई कार्रवाई नहीं की है। मामला थाने में ही लंबित है। बताया जाता है कि इस संबंध में जांच आगे नहीं बढ़ी है। उनकी बड़ी बीसी की तारीख 20, 22, 24 को होती थी। इसके पहले ही वह फरार हो गया। वहीं छोटी बीसी 10, 15, 18 तारीख को खुलती थी।
परिजन का जवाब
पीडि़त लोगों ने बताया कि इस संबंध में परिजन से बात करने पर एक ही रटा रटाया जवाब दिया जाता है। वे ऑफिस से घर आए, कपड़े बदले और बैग में कपड़े रख रायपुर जा रहा हूं कह घर से चला गया। उन्होंने अपना मोबाइल फोन भी घर में ही छोड़ दिया है। इससे ऐसा लगता है कि वे सुनियोजित तरीके से करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गया है।
चिटफंड अधिनियम के तहत हो कार्रवाई
पीडि़त लोगों ने बताया कि चूङ्क्षक बीसी खिलाने का कोई रिकार्ड नहीं रहता है, बीसी के नाम पर रिपोर्ट दर्ज नहीं करा सकते। इसलिए चिटफंड कंपनी अधिनियम के तहत कार्रवाई करना चाहिए।
शेयर मार्केट में डूबा पैसा
बताया जाता है कि ठक्कर न्यूज एजेंसी संचालक बड़ा व्यापारी है। वे लोगों का पैसा बराबर लौटा रहा था। उन्हें कम समय में Óयादा पैसा कमाने के चक्कर में शेयर मार्केट में पैसा लगाना शुरू कर दिया। एक तो कोरोना संक्रमण के कारण मार्केट वैसा ही बैठा हुआ है ऊपर से शेयर माकेर्ट की लत के चक्कर में उनका करोड़ों रुपए डूबता गया। जब देनदारी की बारी आई तो शहर से फरार हो गया। पीडि़तों ने बताया कि वे ओडिशा या इंदौर में छुपा हो सकता है। ऐसा कहने वाले तर्क देते है कि ओडिशा में उनकी लड़की ब्याही हुई है, वहीं इंदौर में भतीजे की सगाई हुई है। बताया जाता है कि दोनों समधी पैसे वाले है। भतीजे की सगाई कोरोना काल में इंदौर शहर की लड़की से धूमधाम से की गई। शादी अभी नहीं हुई है।
दुकान और मकान भाई के नाम से
बताया जाता है कि हुडको सेक्टर में स्थित मकान और सी मार्केट सेक्टर-6 में स्थित दुकान उनके बड़े भाई के नाम से है। उनके नाम से शहर में कोई प्रापर्टी की जानकारी पीडि़तों को नहीं है। सेक्टर -6 सी मार्केट में नीचे की दुकान में बड़े भाई का किराना स्टोर्स है। ऊपर पेपर एजेंसी का ऑफिस है। ऑफिस में एक महिला कर्मी शेयर का काम देखती थी। वे भी पैसा डूबते देख नौकरी छोड़ दी थी। इसी तरह तीन और कर्मचारी भी नौकरी छोड़ चुके हैं।