भिलाई (सीजीआजतक न्यूज). उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद जिला के मुरादनगर की तरह जर्जर और पुरानी बिल्डिंग धसकने की घटना भिलाई नगर पालिक निगम के खुर्सीपार जोन में हो सकता है। यहां भी पावर हाउस बस स्टैंड के सामने निगम प्रशासन द्वारा 29 साल पुराने प्रगति कॅाम्प्लेस का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। जिस कॉम्प्लेस का निर्माण तीन दशक पहले लाखों रुपए में कराया था उसका जीर्णोद्धार करोड़ों रुपए में कराया जा रहा है। जबकि जानकार लोग बताते हैं कि उक्त बिल्डिंग की लाइफ (उम्र) खत्म हो चुकी है। शायद निगम प्रशासन को भी गाजियाबाद की तरह बिल्डिंग गिरने की घटना का इंतजार है। यही कारण है कि कमीशनखोरी के चक्कर में उक्त जर्जर एवं पुरानी कॅाम्प्लेक्स के जीर्णोद्धार में करोड़ों रुपए खर्च किया जा रहा है।
क्या है उत्तरप्रदेश गाजियाबाद हादसा
यूपी के गाजियाबाद के मुरादनगर में बीते रविवार को श्मशान घाट में लोग अपने किसी मृत व्यक्ति को श्रद्धांजलि दे रहे थे तभी पुरानी बिल्डिंग की छत भरभराकर गिर गई। इस हादसे में 40 लोग दब गए थे जिनमें से 23 लोगों की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी। वहां जिला प्रशासन ने इस घटना के लिए नगर पालिका प्रशासन सहित घटिया निर्माण करने वाले ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराया है। मामले की जांच चल रही है।
29 साल पुरानी नींव पर मदर्स मार्केट का भारी भरकम भवन का निर्माण
इसी तरह प्रगति कॅाम्प्लेक्स के बाजू में पुरानी नींव पर भारी भरकम नया भवन मदर्स मार्केट का निर्माण किया जा रहा है। पुरानी नींव पर तीन मंजिला भवन क्योंकर खड़ा किया जा रहा यह समझ से परे है। बता दें कि निगम प्रशासन द्वारा लगभग दो करोड़ की लागत प्रगित कॅाम्प्लेक्स के समीप मदर्स मार्केट का निर्माण किया जा रहा है।
निगम ने दी गुमराह करने वाली जानकारी
इस संबंध में समाजसेवी सुमन शील में मदर्स मार्केटनिर्माण और प्रगति काम्प्लेक्स जीणोद्धार के संबंध में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी चाही थी, उसे निगम प्रशासन द्वारा गुमराह करने वाली जानकारी दी गई। पहले प्रगति कॉम्प्लेक्स का जीर्णोद्धार के संबंध में 70 लाख रुपए की जानकारी दी थी। बाद में 1.45 करोड़ रुपए अनुमानित खर्च की जानकारी दी थी। वास्तविक जानकारी के लिए उन्हें निगम प्रशासन से अपील करनी पड़ी है। अपील की जानकारी अब-तक नहीं आई है। इसी तरह मदर्स मार्केट के निर्माण में खर्च की जानकारी भी आधी अधूरी दी गई है। निर्माम की वास्तविक जानकारी के लिए भी निगम प्रशासन में अपीलीय अधिकारी के पास आवेदन लंबित है।
साडा कार्यकाल में प्रगति कॅाम्प्लेक्स का निर्माण
बता दें कि विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) कार्यकाल में पावर हाउस बस स्टैंड के सामने प्रगति कॅाम्प्लेक्स का निर्माण किया गया था। वहां पर साडा द्वारा कुल 24 दुकानें बनाई गई थी। 24 दुकानों में मात्र 8 दुकानों को लोगों ने खरीदी थी। इनमें से भी अधिकतर लोगों ने बिना प्लानिंग जंगल झाडिय़ों एवं सड़क से कई फीट गड्ढ़े के बीच बिना सुविधा (सड़क, पानी, बिजली, नाली) के बनाए दुकानों को हैंडओवर कर दिया था। वहां पंजाब ऑटो मोबाइल्स की एकमात्र दुकान बीते 17 सालों से चल रही थी जिसे भी निगम प्रशासन ने बिना नोटिस दिए बलपूर्वक खाली करा दिया है। पीडि़त दुकान संचालक ने न्याय के लिए कोर्ट की शरण ली है।
आईजी के निर्देश के बाद जुर्म दर्ज नहीं
बताया जाता है कि पीडि़त व्यकित ने मार्केट के पदाधिकारियों के साथ न्याय के लिए आईजी को ज्ञापन सौंपा था। आई जी ने तत्काल खुर्सीपार थाने को दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश फोन पर दिए थे। आईजी के निर्देश के बाद भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई तो दूर की बात है अब-तक थाने में जुर्म दर्ज नहीं किया जा सका है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस सत्ताधारी दल के नेताओं के दबाव में है।