भिलाई. (माले) लिबरेशन एवं अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने एक बयान में कहा है कि 11 दिसम्बर 2019 को देश के संविधान पर आधारित समान नागरिकता पर हमला करने वाले नागरिकता संशोधन कानून ( सीएए) को पारित किया गया था. आज केन्द्र की मोदी सरकार कारपोरेट घरानों के पक्ष में किसानो व मजदूरों के अधिकारों को खत्म कर गुलाम बना रही है.
हम आज सीएए की पहली बरसी पर इसे रद्द करने की मांग करते हैं. हम सीएए के विरोध में तथा संविधान को बचाने की लड़ाई में गिरफ्तार लोगों की रिहाई की भी मांग करते हैं. हम किसान विरोधी तीनों कृषि कानून तथा मजदूर विरोधी चार श्रम कोड को रद्द करने की मांग करते हैं.
भाकपा (माले) व ऐपवा तमाम जनपक्षीय लोगों से अपील करती है कि मोदी सरकार द्वारा किये जा रहे संविधान और लोकतंत्र पर हमले के खिलाफ एकजुट होकर मुकाबला करें.
अपील करने वालों में बृजेन्द्र तिवारी
सचिव, भाकपा (माले) और
लक्ष्मी कृष्णन
संयोजक, ऐपवा शामिल हैं।