चीन ने मंगल ग्रह के लिए अपने पहले मिशन तिआनवेन1 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। चीन का सबसे हैवी रॉकेट लॉन्ग मार्च-5 Y4 इस अंतरिक्ष यान को लेकर रवाना हुआ। चीनी मंगल यान को दक्षिण चीन के हेनान प्रांत के वेनचांग स्पेस लॉन्च सेंटर से रवाना किया गया। चीन का दावा है कि इस यान से अनंत अंतरिक्ष में खोज के नए युग की शुरुआत होगी।
चीन के नैशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा कि 2000 सेकंड की उड़ान के बाद यह रॉकेट पृथ्वी-मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया। इसके बाद अब यह मंगल ग्रह की ओर रवाना हो गया है। बताया जा रहा है कि चीन का अंतरिक्ष यान करीब 7 महीने की यात्रा के बाद फरवरी 2021 में मंगल ग्रह के गुरुवत्वाकर्षण वाले इलाके में प्रवेश कर जाएगा। यह अंतरिक्ष यान अपने साथ एक रोवर ले गया है जो मंगल की सतह पर लैंड करेगा।
मंगल पर कहां छिपी है बर्फ, लगाएगा पता?
चीन का यह मिशन अगर सफल रहता है तो यह मानव के इतिहास में पहली बार में मंगल की कक्षा में चक्कर लगाने, लैंडिंग करने और रोवर के चक्कर लगाने का एक ही मिशन में पहला अभियान होगा। चीन ने कहा है कि इस मिशन का लक्ष्य मंगल की सतह पर किन जगहों पर बर्फ है, इसका पता लगाना। इसके अलावा सतह की संरचना, जलवायु और पर्यावरण के बारे में पता लगाना है।
चीन के इस रॉकेट का तीन बार सफल परीक्षण किया गया था। लेकिन, तीनों बार रॉकेट पर कोई पेलोड यानी भार नहीं था। ऐसे में यह शंका बनी हुई थी कि चीन का यह मिशन उसके पहले मंगल मिशन की तरह फेल न हो जाए। चीन ने मंगल ग्रह को लेकर 2011 में एक मिशन को लॉन्च किया था। जिसमें उसने रूस का भी सहयोग लिया था। लेकिन, यह मिशन फेल हो गया था।
2011 में फेल हो चुका है चीन
चीन के इस अभियान को उसके अंतरिक्ष कार्यक्रम में सर्वाधिक महत्वाकांक्षी माना जा रहा है। कोरोना वायरस महामारी फैलने के बावजूद इस अभियान की तैयारियां जोरों पर थीं। चीनी मीडिया के अनुसार, इस मिशन के जरिए मंगल ग्रह से वैज्ञानिक आंकड़े जुटाए जाएंगे। इसके लिए तियानवेन-1 में एक रोवर को भेजा जा रहा है।