अमेरिका ने भारत के साथ अपने सामरिक और व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत करने पर जोर दिया है। अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) के 45वीं सालगिरह पर बोलते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति में भारत का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने चीन से साथ झड़प मे 20 भारतीय जवानों की शहादत पर गहरा दुख जताया। वहीं, चीनी आक्रामकता की आलोचना भी की।
चीनी एप्स पर प्रतिबंध का पोम्पियो ने किया स्वागत
पोम्पियो ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत के खिलाफ चीनी सेना द्वारा हाल ही में शुरू किए गया संघर्ष सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अस्वीकार्य व्यवहार के नवीनतम उदाहरण हैं। उन्होंने टिकटॉक सहित 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि हमारे ठोस प्रयासों से हम अपने हितों की रक्षा कर सकते हैं।
भारत के साथ मिलकर काम करेगा अमेरिका
पोम्पियो ने के दौरान कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले जी 7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है, जहां हम अंतरराष्ट्रीय प्रास्पॉरिटी नेटवर्क को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हम दुनिया में सबसे पुराने और सबसे समृद्ध लोकतंत्र हैं और यह महत्वपूर्ण है कि हमारे जैसे लोकतंत्र एक साथ काम करते हैं।
इंडो पैसिफिक क्षेत्र में भारत बड़ा डिफेंस पार्टनर
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि इंडो प्रशांत क्षेत्र में भारत अमेरिका का डिफेंस और सिक्योरिटी पार्टनर है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पास चीन से दूर जा रहे ग्लोबल सप्लाई चेन को आकर्षित करने की क्षमता और चीन से अपनी निर्भरता कम करने का मौका है।
भारत के साथ हमने वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की
वहीं भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा कि हमने वास्तव में एक रणनीतिक साझेदारी को एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में बदल दिया है। उन्होंने पीएम मोदी का हवाला देते हुए कहा कि भारत अमेरिका के बीच का गठबंधन 21वीं सदी का सबसे महत्वपूर्ण संबंध हो सकता है।
कोरोना काल में भारत की दवा डिप्लोमेसी की तारीफ
केनेथ जस्टर ने कहा कि कोरोना महमारी के दौरान भारत ने 100 से अधिक देशों को दवाईयां प्रदान की। अमेरिका ने भी भारत का जबरदस्त सहयोग किया है। राष्ट्रपति ट्रंप की यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच कई बार बातचीत हुई है। उन्होंने चीन से जारी तनाव पर कहा कि कोई भी इंडो पैसिफिक क्षेत्र में संघर्ष नहीं चाहता। हमें विश्वसनीय और समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ काम करने की आवश्यकता है।