केंद्र सरकार ने कोरोना के खिलाफ कर्नाटक सरकार के प्रयासों की तारीफ की है। साथ ही साथ अन्य राज्यों को सलाह दी है कि वे ” अपनाकर कोरोना पर काबू करने की कोशिश करें। दरअसल, कर्नाटक सरकार ने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, लक्षण मिलने पर क्वारंटीन और घर-घर जाकर सर्वे जैसे तरीकों से कोरोना पर काफी हद तक काबू पाया है। यही कारण है कि राज्य में कोरोना के मामले बाकी राज्यों की तुलना में काफी कम है।
सरकारी एजेंसियों और टेक्नॉलजी के सहयोग से मरीजों के संपर्क में आए लोगों की सटीक पहचान की जा रही है। इससे शुरुआती स्तर पर ही संपर्क में आए लोगों को आइसोलेट कर दिया जाता है। केंद्र सरकार ने अन्य राज्यों से कहा है कि वे भी इन तरीकों को अपनाएं। आपको बता दें कि मुंबई के धारावी में भी कुछ इसी तरह के मॉडल को अपनाया गया और वहां कोरोना के पॉजिटिव केस एक तिहाई हो गए हैं।
मोबाइल ऐप्स और टेक्नॉलजी का बेहतरीन इस्तेमाल
कर्नाटक में संक्रमित पाए जाने वाले शख्स के संपर्क में आए लोगों को हाई रिस्क कॉन्टैक्ट और लो रिस्क कॉन्टैक्ट में बांटा जा रहा है। इन सभी लोगों को अनिवार्य रूप से क्वारंटीन किया जा रहा है। सिर्फ कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में ही कम से कम 10 हजार प्रशिक्षित प्रफेशनल्स काम कर रहे हैं। इसके लिए मोबाइल ऐप्स का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे कोरोना संक्रमण काफी हद तक सीमित हो रहा है।
इन प्रयासों का नतीजा है कि कर्नाटक के बड़े नगर पालिका और नगर निगम क्षेत्रों में आने वाली झुग्गियों-बस्तियों में कोरोना बड़े स्तर पर नहीं फैल पाया है। इन इलाकों में इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन अनिवार्य है। साथ ही दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को ‘सेवा सिंधु’ पोर्टल पर रजिस्टर करने और और फिर उन्हें क्वारंटीन करने की अनिवार्यता ने काफी हद तक मदद की है।
क्वारंटीन का उल्लंघन करने पर इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन में भेजा जा रहा
फील्ड वर्क्स क्वारंटीन का पालन करवाने के लिए ‘क्वारंटीन वॉच ऐप्स’ का इस्तेमाल कर रहे हैं। कर्नाटक ने लोगों के सहयोग से होम क्वारंटीन को सफल बनाने के लिए मोबाइल स्कॉड बनाए हैं। इनकी मदद से क्वारंटीन का उल्लंघन करने वालों पर नजर रखी जाती है और उन्हें इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन में भेज दिया जाता है।
कर्नाटक में अभी तक कोरोना के कुल 7944 मामले सामने आए हैं, जिसमें से 4811 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हो गए हैं। राज्य में अब कोरोना के कुल 2843 ऐक्टिव केस हैं। तमाम प्रयासों का नतीजा है कि कर्नाटक में 115 लोगों की ही मौत हुई है। राज्य में 3016 लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)