2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किंग्स्टन में सीरीज के इस पहले टेस्ट मैच में प्रवीण कुमार को पिच पर डेंजर एरिया में बार-बार पैर रखने के चक्कर में गेंदबाजी से बैन कर दिया गया था। तब धोनी टीम के कप्तान थे। हार्पर के इस फैसले से धोनी नाराज से हो गए थे।
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धोनी का मानना था कि प्रवीण का डेब्यू टेस्ट होने के कारण अंपायर को कुछ नरमी दिखानी चाहिए थी। वहीं, हार्पर ने कहा कि प्रवीण इससे पहले 50 वनडे इंटरनैशनल मैच खेल चुके थे और उन्हें क्रिकेट के नियमों के बारे में अच्छे से पता होना चाहिए।
हार्पर ने कहा, ‘मुझे याद है कि धोनी मुझे कह रहे थे कि नए क्रिकेटर होने के नाते मुझे प्रवीण के साथ नरमी बरतनी चाहिए थी। प्रवीण इससे पहले 52 वनडे इंटरनैशनल मैच खेल चुके थे, तो उन्हें नियम अच्छे से पता थे। मुझे याद है जब मैंने एमएस को प्रवीण को गेंदबाजी से बैन करने के बारे में बताया था, तो उन्होंने कहा कि हम आपके साथ पहले भी मुश्किलों का सामना कर चुके हैं हार्पर। मैं हंसा और आगे बढ़ गया।’
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साल 2000 में हार्पर पिच पर डेंजर एरिया में दौड़ने के चक्कर में पेसर इशांत शर्मा को भी गेंदबाजी से बैन किया था। इसी के चलते धोनी ने हार्पर को उस मैच में यह बात कही। प्रवीण ने उस मैच में कुल 6 विकेट लिए और धोनी ने मैच के बाद उनकी तारीफ भी की थी। भारत ने तब 63 रन से मैच जीता था।