एडवोकेट के कथित आपत्तिजनक ट्वीट के मामले में ने अवमानना कार्रवाई शुरू की है और मामले में संज्ञान लेते हुए प्रशांत भूषण को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अटॉर्नी जनरल से भी पक्ष रखने को कहा गया है। प्रशांत भूषण ने हाल ही में कुछ ट्वीट किए थे जिनमें से कुछ को सुप्रीम कोर्ट ने आपत्तिजनक माना है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में टि्वटर आईएसी को भी पक्षकार बनाने को कहा है।
मामले की सुनवाई के दौरान टि्वटर के वकील ने कोर्ट से कहा कि अगर कोर्ट निर्देश जारी करेगा तो हम टि्वट को हटा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अटॉर्नी जनरल से भी सहयोग करने को कहा है। अदालत ने सुनवाई 5 अगस्त के लिए टाल दी है। प्रशांत भूषण ने जूडिशियरी के खिलाफ दो आपत्तिजनक ट्वीट किए थे जो 27 जून और 29 जून को किए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने अटॉर्नी जनरल से कहा है कि वह मामले में कोर्ट को सहयोग करें। प्रशांत भूषण ने हाल ही में कई ट्वीट किए जिन्हें आपत्तिजनक मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रशांत भूषण ने एक ट्वीट में चीफ जस्टिस के खिलाफ टिप्पणी की है। उनके बाइक के साथ फोटोग्राफ को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है।
दूसरे टि्वट में प्रशांत भूषण ने 27 जून को आखिरी चार चीफ जस्टिस के खिलाफ आपत्तिनजक टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उक्त ट्विट में दिए बयान से पहली नजर में का मामला बनता है। अदालत ने प्रशांत भूषण को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है साथ ही अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी कर कोर्ट में अपनी राय रखने को कहा है।