महामारी से जंग के लिए दुनियाभर में लोगों को कम से कम घर से बाहर निकलने के लिए कहा जा रहा है। इस बीच दक्षिण कोरिया के महामारी विशेषज्ञों ने अपने अध्ययन में पाया है कि बाहर से ज्यादा लोग घर के अंदर होने वाले संपर्कों की वजह से कोविड-19 महामारी से संक्रमित हो रहे हैं। उनका यह अध्ययन अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन में 16 जुलाई को प्रकाशित हुआ है।
इस शोध में 5706 मरीजों पर शोध किया गया जो कोरोना वायरस पॉजिटिव थे और 59 हजार ऐसे लोगों को शामिल किया गया जो उनके संपर्क में आए थे। इस शोध से पता चला है कि 100 में से केवल दो लोग घर के बाहर कोरोना वायरस के संपर्क में आए। वहीं 10 में से 1 व्यक्ति घर के अंदर कोरोना वायरस के संपर्क में आया। शोध में यह भी पाया गया कि जब बुजुर्ग और किशोर कोरोना वायरस से संक्रमित हुए तब घर के ज्यादा लोग इस महामारी की चपेट में आए।
दक्षिण कोरिया महामारी रोकथाम सेंटर के डायरेक्टर जिओंग इउन क्योंग ने कहा, ‘ऐसा इसलिए है कि इस उम्र समूह के लोगों का परिवार के सदस्यों से नजदीकी संपर्क होता है और उन्हें ज्यादा संरक्षण या सहायता की जरूरत होती है।’ अध्ययन में यह भी पाया गया है कि बच्चों में कोरोना वायरस के गंभीर मामलों का खतरा कम होता है। यह आंकड़े 20 जनवरी से लेकर 27 मार्च के बीच इकट्ठा किए गए थे।
कोविड-19 के वैश्विक स्तर पर मामले 1.4 करोड़ से ज्यादा
इस बीच जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के अनुसार वैश्विक स्तर पर कोविड-19 मामलों की कुल संख्या बढ़कर 1.4 करोड़ से अधिक हो गई है। वहीं दुनिया में अब तक 6.15 लाख से अधिक लोगों की इस वायरस के कारण मौत हो चुकी है। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने अपने ताजा अपडेट में बताया है कि बुधवार की सुबह तक दुनिया में कुल मामलों की संख्या 1,48,98,145 और मौतों की संख्या बढ़कर 6,15,462 हो गई।
सीएसएसई के अनुसार, दुनिया में अमेरिका अब भी सबसे अधिक प्रभावित देश है जहां 38,99,072 मामले और 1,41,992 मौतें दर्ज हो चुकी हैं। 21,59,654 संक्रमण के मामलों और 81,487 मौतों के साथ ब्राजील दूसरे स्थान पर है। सीएसएसई के आंकड़ों से पता चलता है कि संक्रमणों की संख्या (11,55,354) के मामले में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है।