किम जोंग के राज में जानवर खाने की मजबूरी

प्योंगयांग
उत्तर कोरिया में तानाशाही एक बार फिर संकट में नजर आ रही है। हालात ऐसे के हैं कि देश के नागरिकों के सामने खाने का संकट पैदा हो गया है। चावल, मक्का, फल, मीट और मछली की कमी पड़ने के साथ लोगों को कछुए जैसा जीव terrapin खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। यहां तक कि देश के वैज्ञानिकों ने लोगों को ज्यादा खाना खाने से रोकने के लिए पतला करने वाली गोलियां बांटना शुरू कर दिया है। एक्सपर्ट्स ने देश की नीति को ‘Nukes before Nutrition’ करार दिया है। यानी लोगों को खाना देने से पहले तानाशाह किम जोंग उन परमाणु हथियार बनाने में लगे हुए हैं।

40% आबादी कुपोषित
कोरोना वायरस के दौरान देश में खाने की कमी को संयुक्त राष्ट्र ने भी माना है जिसका कहना है कि देश की 40% आबादी कुपोषित है। खाने की कमी के बीच सरकार की आधिकारिक वेबसाइट में कहा गया है कि लोगों को इस जीव को खाना चाहिए। एक ऐलान में कहा गया है कि पहले के समय में टेरपिन बेहद स्वादिष्ट खाना बनाने के लिए और पोषण के लिए इस्तेमाल किए जाते थे।

इनमें प्रोटीन, अमीनो ऐसिड और विटामिन होते थे जो हेपटाइटिस, हाइपरटेंशन और दूसरी बीमारियों को ठीक कर सकते थे। इसकी हड्डियां और खून को दवा बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसके खून से डायबिटीज और कुपोषण का समाधान होता था।

भूख मारने के तरीके
यही नहीं सरकारी डॉक्टरों की बनाई एक चाय पीने के लिए भी का जा रहा है जिको पीकर इंसान की भूख भी मिट जाती है और 40 दिनों में 10 किलो वजन भी घटाया जा सकता है। मोटापे से परेशान लोगों को इसे इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है। गौरतलब है कि देश के तानाशाह किम जोंग उन भी मोटापे के शिकार हैं और उनके पूर्व खानसामे ने एक बार दावा किया था कि वह एक बार में वाइन की 10 बोतल पी सकते हैं। चीज के लिए उनका प्रेम तो जगजाहिर है।

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