अमेरिका ने भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता की आलोचना करते हुए संवैधानिक संशोधन एकमत से पास कर दिया है। अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में नैशनल डिफेंस ऑथराइजेशन ऐक्ट (NDAA) में संशोधन पास कर दिया गया है। पिछले महीने लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प और दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका चीन पर हमलावर है। NDAA संशोधन भारतीय-अमेरिकी सांसद अमी बेरा और कांग्रेसमेन स्टी शैबट सोमवार को लेकर आए थे। इसके मुताबिक भारत और चीन को वास्तविक नियंत्रण पर तनाव कम करने के लिए काम करना चाहिए।
गलवान, साउथ चाइना सी पर जताई चिंता
संशोधन में कहा गया है कि दक्षिण चीन सागर, LAC और सेंकाकू टापू विवादित क्षेत्रों के आसपास चीन का विस्तारवाद और आक्रामकता चिंता का विषय है। अमेरिका की संसद कांग्रेस ने भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में चीन की आक्रामकता का विरोध किया है और चीन के बढ़ते क्षेत्रीय रवैये पर चिंता जताई है। इसमें कहा गया है कि चीन ने कोरोना वायरस को बहाना बनाकर भारत के क्षेत्र पर कब्जा करने की कोशिश की है और दक्षिण चीन सागर में भी दावा ठोका है।
’15 जून तक चीन ने तैनात किए 5 हजार सैनिक’
संसद में स्टीव ने बयान दिया है कि भारत इंडो-पैसिफिक में एक अहम लोकतांत्रिक पार्टनर है। उन्होंने कहा, ‘मैं भारत का समर्थन करता हूं और अपने द्विपक्षीय संबंध का समर्थन करता हूं। साथ ही उन क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ भी खड़ा हूं जो चीन की आक्रामकता का सामना कर रहे हैं।’ संशोधन में कहा गया है कि 15 जून तक चीन ने LAC पर 5 हजार सैनिक तैनात किए और 1962 के बाद भारत की जमीन घोषित किए गए क्षेत्र पर विवाद होने के बाद उसमें कदम रखा।
भारत और अमेरिका ने किया है संयुक्त युद्धाभ्यास
अमेरिका में यह संशोधन ऐसे वक्त में लागू किया गया है जब सोमवार को ही अमेरिका और भारत की नौसेनाओं ने संयुक्त युद्धाभ्यास किया। इससे न सिर्फ चीन को भारत-अमेरिकी सहयोग को लेकर संदेश दिया गया बल्कि अमेरिका के रक्षमंत्री मार्क एस्पर ने सीधे तौर पर चीन पर निशाना भी साधा है। उन्होंने भारत के साथ अपने रक्षा संबंधों को ’21वीं सदी के सबसे अहम संबंधों में से एक’ बताया है और चीन की सेना को क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने का जिम्मेदार बताया है।