के सभापति एम वेंकैया नायडुू और स्पीकर ओम बिरला ने संसद का आयोजित करने पर चर्चा की। दोनों सदनों के सदस्यों के शारीरिक दूरी के साथ बैठने की व्यवस्था से जुड़ी संभावनाओं पर भी सोमवार को चर्चा हुई । नायडू और बिरला ने शारीरिक दूरी के नियम की अनुपालना करते हुए बैठने के लिए स्थान की क्षमता को देखने के लिए दोनों सदनों के कक्ष (चैम्बर) और दीर्घाओं का मुआयना किया।
सूत्रों के मुताबिक, बाद में दोनों ने हर सदन की कार्यवाही के लिए दोनों सदनों के कक्ष के इस्तेमाल पर चर्चा की। सूत्रों ने बताया कि यह प्रस्ताव था कि लोकसभा के सदस्य सत्र के दौरान सदन के कक्ष और दीर्घाओं में बैठें और राज्यसभा की स्थिति में भी ऐसा ही हो। उन्होंने कहा कि जो सदस्य अपने सदन के कक्ष एवं दीर्घाओं में नहीं आ पाएंगे उन्हें दूसरे सदन के कक्ष एवं दीर्घाओं में स्थान दिया जाएगा।
राज्यसभा के कक्ष और दीर्घाओं में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए कुल 127 लोग समाहित हो सकते हैं। दूसरी तरफ, लोकसभा के कक्ष और दीर्घाओं में सामाजिक दूरी का ख्याल रखते हुए करीब 290 लोग आ सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर इस विकल्प का चुनाव होता है तो कई साजो-समान संबंधी और तकनीकी मुद्दों का निदान करना होगा। अगले महीने मॉनसून सत्र बुलाए जाने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि महासचिवों से कहा गया है कि अंतिम निर्णय से पहले वे सभी मुद्दों पर गौर करें। अन्य विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।