मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन

नई दिल्ली/लखनऊ
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन (Madhya Pradesh Governor Lal ji Tandon) का निधन हो गया है। उनके बेटे आशुतोष टंडन ने इस बात की जानकारी दी। इससे पहले सोमवार को खबर आई थी कि लालजी टंडन की हालत गंभीर है और वह वेंटिलेटर पर थे। उनको लखनऊ स्थित मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। लालजी टंडन, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बेहद करीबी थे। बीएसपी चीफ मायावती भी लालजी टंडन को अपना भाई मानती थीं और उन्हें राखी बांधती थीं।

दरअसल, लालजी टंडन का निधन 85 वर्ष की उम्र में हुआ है। वह लखनऊ से सांसद भी रहे हैं। तबीयत बिगड़ने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान उनसे मिलने के लिए लखनऊ भी गए थे। उसके बाद से वह लगातार उनके परिजनों के संपर्क में थे। शिवराज सिंह चौहान लगातार लालजी टंडन के परिजनों के संपर्क में थे।

पीएम मोदी ने भी जताया शोकप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लालजी टंडन के निधन पर शोक जताया। पीएम ने ट्वीट किया, ‘श्रद्धेय श्री लालजी टंडन जी को विनम्र श्रद्धांजलि । ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। टंडन जी ने समाज की सेवा में अमूल्य योगदान दिया। यूपी में बीजेपी को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका रही। वह कुशल प्रशासक और आम लोगों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहे।’

यूपी बीजेपी के कद्दावर नेता रहे
बता दें कि लालजी टंडन लखनऊ से 15वीं लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले टंडन प्रदेश की बीजेपी सरकारों में मंत्री भी रहे हैं और अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी के रूप में जाने जाते रहे हैं। इन्होंने वाजपेयी के चुनाव क्षेत्र लखनऊ की कमान संभाली थी।

‘लखनऊ के प्राण थे लालजी’UP मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लालजी टंडन के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि लालजी टंडन के निधन पर देश ने एक लोकप्रिय जन नेता, योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाज सेवी को खोया है। वह लखनऊ के प्राण थे। यूपी सरकार ने लालजी टंडन के निधन पर 3 दिन का राजकीय शोक की घोषणा की।

अब अंतिम संस्कार की तैयारीलालजी के परिवार ने बताया, ‘उनकी अंतिम यात्रा मंगलवार चार बजे गुलाला घाट, चौक के लिए प्रस्थान करेगी। अंतिम संस्कार गुलाला घाट, चौक में 4.30 बजे संपन्न होगा। कोरोना आपदा के कारण आपसे प्रार्थना है कि शासन की ओर से निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अपने-अपने घरों से ही पूज्य बाबूजी को श्रद्धा-सुमन अर्पित करें, जिससे सोशल डिसटेंसिंग का पालन हो सके।’

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