एमपी में अभी तक 26 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। उपचुनाव () की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है, लेकिन सभी सियासी दल चुनावी तैयारियों में जुटे हैं। कुछ लोग यह कयास लगा रहे हैं कि कोरोना महामारी की वजह से उपचुनाव टल सकता है। इस बीच () का बड़ा बयान आया है। नियम के अनुसार सीट खाली होने के 6 महीने बाद उपचुनाव कराना होता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा है कि एमपी में विधानसभा के उपचुनाव समय से होंगे। उन्होंने यह साफ कर दिया है कि सितंबर के अंत तक इन्हें करा लिया जाएगा। सुनील अरोड़ा ने कहा है कि हमारी मंशा यहीं है कि चुनाव समय से हो। संविधान भी यहीं कहता है। वहीं, मंगलवार को चुनाव आयोग की बैठक भी है। इसमें भी एमपी को लेकर चर्चा हो सकती है।
राजनीतिक दलों को लिखी चिट्ठी
सुनील अरोड़ा ने कहा कि हमारी कोशिश है कि देश में 45 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को हम सितंबर अंत तक संपन्न करा लें। इसके बाद हम पूरा फोकस बिहार पर करें। फीड बैक के लिए हमने सभी राजनीतिक दलों को भी सुझाव के लिए चिट्ठी भेजे हैं।
26 सीटों पर हैं उपचुनाव
एमपी विधानसभा में 230 सीट हैं। इसमें से 26 सीट खाली हैं। 2 सीट विधायकों के निधन के बाद खाली हुआ था। 24 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद सीट खाली हुआ है। इसमें से 22 विधायकों का इस्तीफा ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हुआ है। अभी एमपी में बीजेपी के पास 107 और कांग्रेस के पास 90 विधायक हैं।