कोरोना वैक्सीन: ब्रिटेन ने की 9Cr डोज की डील

ब्रिटेन की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी ने कोरोना वायरस की वैक्सीन के इंसानों पर पहले ट्रायल में सफलता हासिल कर ही ली है। अब ब्रिटेन की सरकार ने दो और एक्सपेरिमेंटल वैक्सीन में लाखों रुपये निवेश करने का फैसला किया है। सरकार दो वैक्सीन की 9 करोड़ डोज खरीदेगी। इसे फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स और केयर स्टाफ को दिया जाएगा। इससे पहले ऑक्सफर्ड की वैक्सीन की 10 करोड़ डोज सरकार पहली ही खरीद चुकी है। सरकार लोगों से भी COVID-19 के वैक्सीन ट्रायल में हिस्सा लेने की अपील कर रही है। सरकार को उम्मीद है कि अक्टूबर तक देश के करीब 5 लाख लोग इसके लिए रजिस्टर कर लेंगे।

बिजनस सेक्रटरी आलोक शर्मा का कहना है कि ब्रिटेन की सरकार ने जर्मन कंपनी BioNTech और फार्मासूटकिल कंपनी Pfizer की mRNA वैक्सीन की 3 करोड़ डोज खरीदने के लिए डील साइन की है। इस वैक्सीन के हाल ही में पहले चरण के ट्रायल में सफल नतीजे आए थे। इससे प्रतिरोधक क्षमता भी पैदा हुई और यह सुरक्षित भी पाई गई। हालांकि, ज्यादा डोज देने पर कुछ साइड इफेक्ट्स देखे गए।

दूसरी वैक्सीन फ्रांस की कंपनी Valneva की है। इसके साथ ब्रिटेन ने 6 करोड़ डोज का समझौता किया है। अगर यह वैक्सीन असरदार और सफल पाई जाती है तो सरकार 4 करोड़ डोज और खरीद सकती है। शर्मा का हना है कि वैक्सीन की खोज अंतरराष्ट्रीय लक्ष्य है और सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है कि ब्रिटेन के लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित और असरदार वैक्सीन दी जा सके। उनका कहना है कि दुनिया की सबसे अच्छी फार्मासूटकिल और वैक्सीन कंपनियों के साथ पार्टनरशिप करके सरकार के पास ऐसी वैक्सीन हासिल करने के ज्यादा चांस हैं जो सबसे ज्यादा खतरे का सामना कर रहे लोगों को बचा सके।

देश के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक का कहना है कि एक सुरक्षित और असरदार वैक्सीन कोरोना वायरस को हराने और सामान्य जीवन में वापस लौटने की सबसे बड़ी उम्मीद है। उन्होंने कहा है कि कुछ बेहतरीन वैज्ञानिक और रिसर्चर्स वैक्सीन पर काम कर रहे हैं लेकिन जनता की भी इसमें बड़ी भूमिका है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि NHS कोविड-19 वैक्सीन रिसर्च के लिए साइनअप कराएं। उन्होंने कहा है कि इससे हर वॉलंटिअर दुनिया के लाखों लोगों की जान बचाने में अपना योगदान दे सकेगा और महामारी को खत्म किया जा सकेगा।

ऑक्सफर्ड ने AstraZeneca के साथ मिलकर तैयार की वैक्सीन AZD1222 के इंसानों पर पहले ट्रायल में सफलता पाई है। इसका डेटा जल्द ही प्रकाशित होगा। इसे जिन वॉलंटिअर्स को दिया गया था, वायरस के खिलाफ उनके शरीर में ऐंटीबॉडी के साथ-साथ वाइट ब्लड सेल्स Killer T-cells भी पाए गए जो ज्यादा समय तक के लिए शरीर को प्रतिरोधक क्षमता देते हैं।

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