ऊंची इमारतों में कोरोना का खतरा ज्यादा: स्टडी

कोरोना वायरस कहां और किन लोगों के बीच ज्यादा फैलता है इसे लेकर कई स्टडी सामने आई हैं। ऐसी ही एक स्टडी के मुताबिक ऊंचे अपार्टमेंट-टावर और अस्पतालों में भी इसका खतरा ज्यादा हो सकता है। रिसर्च के मुताबिक बड़ी इमारतों में अगर प्लंबिंग (Plumbing) की खराबी हो जाए तो इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है। एडिनबर्ग की Heriot-Watt University के Institute for Sustainable Building Design में की गई रिसर्च के मुताबिक 2003 में हॉन्ग-कॉन्ग के एक अपार्टमेंट ब्लॉक में ऐसा ही कुछ हुआ था। यहां 33-41 मंजिला इमारतें थीं जिनमें करीब 19 हजार लोग रहते थे। यहां 300 मामले सामने आए थे और 42 लोगों की मौत हो गई थी।

यूनिवर्सिटी की Water Academy के डायरेक्टर माइकल गॉर्मली ने अपनी रिसर्च में कहा है कि WHO की रिपोर्ट के मुताबिक इस अपार्टमेंट ब्लॉक में वेस्टवॉटर प्लंबिंग सिस्टम में खराबी के कारण वायरस फैला था। आमतौर पर सिंक और टॉइलट में लगे U-bend में ऐसा पानी होता है जिससे हवा में फैलने वाली बीमारियां सीवर सिस्टम से ऊपर की ओर न उठें, इस अपार्टमेंट ब्लॉक के ज्यादातर बाथरूम के U-bend सूखे हुए थे। WHO की रिपोर्ट में कहा गया कि जब SARS से इन्फेक्ट हुए लोगों को डायरिया हुआ तो छोटी बूंदों के सहारे सीवर और प्लंबिंग के जरिए हवा में वायरस ऊपर की तरफ बढ़ने लगा और एक अपार्टमेंट से दूसरे अपार्टमेंट में फैलने लगे। इन अपार्टमेंट के बाथरूम में लगे एग्जॉस्ट फैन से संक्रमित हवा बाहर की ओर और घरों के अंदर भी जाने लगी।

माइकल, डेविड केली और थॉमस ऐस्प्रे ने 2017 में एक एक्सपेरिमेंट के नतीजे छापे थे जिसमें इसी तरह के सिस्टम पर एक्सपेरिमेंट किया गया था। इसमें पाया गया कि माइक्रोऑर्गैनिज्म अलग-अलग फ्लोर के कमरों में जा रहा था। यह हवा में था और सतह पर भी। इसमें पाया गया कि बड़ी इमारतों के सभी हिस्से इस वेस्टवॉटर प्लंबिंग से जुड़े हुए थे। साथ ही, यह भी गौर करने वाली बात है कि जब बड़ी संख्या में लोग घरों में होते हैं जो इस सिस्टम पर प्रेशर भी ज्यादा पड़ता है जिससे U-Bend को खतरा होता है और उसकी सील टूट सकती है।

चिंता की बात यह है कि पहले कोरोना वायरस के लक्षणों में मुख्य रूप से खांसी और बुखार को लक्षण माना जा रहा था लेकिन अब डायरिया भी इसका प्रमुख लक्षण है। बड़ी इमारतों में लोग लॉकडाउन के चलते तो घर में हैं ही, बड़े अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में दोनों जगह वेस्टवॉटर सिस्टम पर प्रेशर पड़ रहा है। ऐसे भी घर हैं जहां के लोग कहीं बाहर फंसे हैं और घर बंद हैं। यहां इस्तेमाल नहीं होने के कारण U-Bend का पानी सूख सकता है जिससे बाकी सिस्टम में हवा के जरिए वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है।

रिसर्च में इससे बचाव के लिए कुछ तरीके भी बताए गए हैं। सबसे पहले यह चेक जरूर करें कि सिंक और टॉइलट में U-bend सही से काम कर रहा है या नहीं। बाथरूम, किचन या वॉशिंग एरिया से अजीब सी महक आए तो उसे नजरअंदाज न करें। सभी सिंक और टॉइलट में सुबह-शाम 5 सेकंड तक पानी डालें। फ्लोर ड्रेन और वेट रूम पर ध्यान रखें। अगर टॉइलट, सिंक या किसी और जगह पर वेस्टवॉटर का पाइप खराब हो या लीक हो तो फौरन रिपेयर करें और सील करें। इन्हें छूते हुए रबर के दस्ताने या प्लास्टिक बैग पहनें। इमारतों के मैनेजर पूरे सिस्टम को मॉनिटर करते रहें।

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