भारतीय क्रिकेट में इन दिनों कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते खेल का ऑफ सीजन चल रहा है। चार महीन से ज्यादा समय बीत चुका है कि के खिलाड़ी इस महामारी के चलते अपने-अपने घरों में बंद हैं। ऐसे में क्रिकेट के इस ऑफ सीजन में इस सवाल पर चर्चा खूब हो रही है कि भारत के दो सफलतम कप्तान () और () में से ज्यादा प्रभावशाली कौन था। भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज () ने भी इस पर अपनी राय रखी है।
धोनी के नाम आईसीसी की सभी ट्रोफियां
सौरभ गांगुली की कप्तानी में ही पार्थिव पटेल और एमएस धोनी ने बारी-बारी अपने इंटरनैशनल क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद पार्थिव टीम से अंदर-बाहर होते रहे और धोनी ने भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। गांगुली के बाद टीम इंडिया की कप्तानी राहुल द्रविड़ को मिली और फिर एमएस धोनी टीम के कप्तान बने। धोनी ने टी20 वर्ल्ड कप (2007), वनडे वर्ल्ड कप (2011) और चैंपियन्स ट्रोफी (2013) जैसे आईसीसी के तीनों बड़े खिताब भारत की झोली में डाले। एमएस धोनी दुनिया के इकलौते ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने यह उपलब्धि अपने नाम की है।
एक टीवी शो में पार्थिव ने रखी अपनी राय
विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल का मानना है कि भले धोनी ट्रोफी जीतने के मामले में सबसे आगे खड़े हैं। लेकिन भारतीय टीम खड़ी करने में धोनी की तुलना में गांगुली का योगदान अधिक है। पार्थिव पटेल स्टार स्पोर्ट्स के शो ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ में इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे।
पार्थिव बोले- धोनी ने ट्रोफियां जीतीं, जबकि सौरभ गांगुली ने टीम को तैयार कियापार्थिव ने कहा, ‘इन दोनों कप्तानों के बीच तुलना बिल्कुल सही है। एक कैप्टन ने खूब सारी ट्रोफियां जीती हैं, जबकि दूसरे ने टीम का निर्माण किया है। जब दादा (गांगुली) कप्तान बने, तब साल 2000 में भारतीय टीम सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही थी। वह गांगुली ही थे, जिन्होंने टीम को मैच फिक्सिंग स्कैंडल से बाहर निकालकर उसमें नई ऊर्जा भरी।’ उन्होंने कहा, ‘धोनी के पास भले खूबसारी ट्रोफियां हैं लेकिन प्रभावी कप्तान के रूप में मुझे किसी एक को चुनना होगा तो मैं अपना वोट दादा को दूंगा। उन्होंने 0 से शुरुआत की थी और उन्होंने बिल्कुल नई टीम बनाई थी।’
गांगुली की टीम विदेशों में जीतीइस लेफ्टहैंडर बल्लेबाज और विकेटकीपर खिलाड़ी ने कहा, ‘गांगुली ने एक ऐसी टीम बनाई, जिसे विदेशों में कामयाबी मिली। ऐसा नहीं है कि हम पहले नहीं जीत रहे थे लेकिन हमने ऑस्ट्रेलिया में, इंग्लैंड में जीत हासिल की। फिर हम पाकिस्तान गए वहां टेस्ट सीरीज अपने नाम की। हमने विदेशों में बड़े टेस्ट मैच जीते।’ पार्थिव ने कहा, ‘अगर हम वर्ल्ड कप 2003 की बात करें तो तब किसी ने नहीं सोचा था कि टीम इंडिया टूर्नमेंट के फाइनल में पहुंचेगी।’