मुंबई में एक शख्स के पिता की 15 दिन के इलाज के बाद मौत होने पर अस्पताल ने 16 लाख रुपये का बिल थमा दिया था। सांताक्रूज के इस शख्स ने से संक्रमित अपने 74 वर्षीय पिता को अस्पताल में भर्ती कराते समय 60 हजार रुपये जमा कराए थे। एक दिन बाद उन्हें बताया गया कि उनके पिता का डायलिसिस करने और वेंटिलेंटर पर रखने की जरूरत है। उन्होंने 3.40 लाख रुपये और जमा किए। पिता की मृत्यु के बाद 15 दिनों का 16 लाख रुपये का बिल थमा दिया गया। 2.80 लाख रुपये का कोविड चार्ज लगाया गया था। शव को ऐम्बुलेंस से श्मशान पहुंचाने के लिए भी अस्पताल ने 8 हजार रुपये लिए थे।
कोरोना मरीजों से मनमाने तरीके से इलाज की रकम वसूलने वाले प्राइवेट अस्पतालों पर बीएमसी की कार्रवाई का चाबुक चला है। ओवरचार्जिंग करने वाले 37 अस्पतालों के खिलाफ 1,115 शिकायतें बीएमसी को मिली थीं। बीएमसी के मुख्य लेखापरीक्षक ने सख्त जांच में अस्पतालों को ओवरचार्जिंग का दोषी पाया। फिर कार्रवाई करते हुए अधिक रकम वसूलने वाले अस्पतालों से एक करोड़, 46 लाख, 84 हजार रुपये मरीजों को वापस करवाए गए। बीएमसी के मुख्य लेखा परीक्षक का कहना है कि 1,115 मामलों में परिजन ने 14.01 करोड़ रुपये अस्पतालों को दिए थे। इनमें से 1.46 करोड़ रुपये लौटाने का निर्देश अस्पतालों को दिया गया है।
मुंबई में कोरोना संकट के बाद बीएमसी ने प्राइवेट अस्पतालों के 80 प्रतिशत बेड अपने कब्जे में ले लिए थे। इन पर मरीजों का इलाज करते समय इलाज के रेट राज्य सरकार ने 30 अप्रैल को तय किए थे। 21 मई को नए रेट जारी किए गए।
उपकरण सेनेटाइज करने का भी चार्ज
एक प्राइवेट हॉस्पिटल ने कोरोना इलाज के नाम पर मरीज से 6.5 लाख रुपये वसूल किए थे। बिल में दवाओं के साथ पीपीई किट, मास्क, हैंड ग्लव्ज का भी पैसा वसूल गया था। बीएमसी के अकाउंट विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अस्पतालों ने मेडिकल उपकरण सेनेटाइज करने का भी चार्ज मरीजों से वसूला है।
सेफ्टी किट के पैसे भी जोड़े
दादर में एक दंपती कोरोना के इलाज के लिए 4 अप्रैल को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हुए थे। 12 अप्रैल को डिस्चार्ज के समय हॉस्पिटल ने उन्हें 4 लाख रुपये का बिल थमा दिया था। उस बिल में सेफ्टी किट के पैसे भी जोड़े गए थे।
एक मामले में FIR भी दर्ज हुई थी
ओवरचार्जिंग की शिकायत पर बीएमसी ने एक प्राइवेट अस्पताल के खिलाफ सांताक्रूज पुलिस में एफआईआर दर्ज कराया है। अस्पताल के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक और ट्रस्टियों के खिलाफ कोरोना मरीज से ज्यादा बिल वसूलने का आरोप लगाया गया है। मामले की जांच जारी है।